Latest:
Event More News

सुनने में जरूर अजीब, पर है हकीकत…उड़ने वाला सांप का हुआ रेस्क्यू… अंधेरे में चमकते हैं ये सांप…गर्मी से दिलाई राहत…खूब पानी पिया और खूब नहाया सांप…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

इंदौर। वर्तमान भारत। इंदौर में उड़ने वाला सांप पकड़ में आया है। यह आपको सुनने में जरूर अजीब लग रहा होगा परंतु है हकीकत। रविवार को एक मकान से उड़ने वाले सांप कार रेस्क्यू किया गया। तथा मंगलवार की रात को उसे जंगल में छोड़ दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह सांप अक्सर पेड़ों पर रहने वाला है। और एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाता है। इसलिए कई लोग इसे उड़ने वाला सांप भी बोलते हैं।

लाबरिया भेरु के पास एक मकान की तीसरी मंजिल से रविवार को इसे रेस्क्यू किया गया। यहां रहने वाला परिवार लाबरिया भेरु लकड़ी मंडी से जलाऊ लकड़ी लेकर आया था। उसी थैले में यह सांप निकला। सांप देख परिवार ने स्नेक कैचर महेंद्र श्रीवास्तव को बुलाया। महेंद्र भी इस सांप को देख अचंभित रह गया। क्योंकि यह सब घने जंगलों में और पेड़ पर पाया जाता है।

इस सांप का नाम ब्रॉन्ज बैक ट्री स्नेक है।घर में इस सांप का मिलना उनके लिए भी किसी आश्चर्य से कम ना था। बड़ी मुश्किल सेस सांप को रेस्क्यू किया गया। क्योंकि यह सांप काफी फुर्तीला होता है। सांप को रेस्क्यू कर वह उसे अपने साथ ले गए। उसे ऑब्जर्वेशन में रखा।

चमकता है अंधेरे में यह सांप

स्नेक कैचर महेंद्र ने बताया कि इस सांप की स्कीम दूसरे सांपों के मुकाबले काफी अलग होते हैं। यह सांप रात में चमकता है। सामान्य रूप से ऐसा नहीं लगेगा कि इसकी स्किन चमकने वाली है। लेकिन जब सांस लेता है तो उसके साथ यह स्कीन चमकीली नजर आती है।

वही रात में घने अंधेरे में इस सांप की स्किन चमकती है। महेंद्र बताते हैं कि यह सांप पेड़ों पर रहना पसंद करते हैं। यह सांप एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाता है। इसलिए लोग इसे उड़ने वाला सांप भी कहते हैं।

आगे महेंद्र ने बताया कि मंगलवार को जब सांप को फिर से बाहर निकाला गया। गर्मी के चलते पहले तो उसे पानी पिलाया। सांप ने भी गर्मी से राहत पाने के लिए खूब पानी पिया। जिसके बाद महेंद्र ने सांप को नल के नीचे नहला भी दिया। यह सांप ऊपर से जितना खूबसूरत नजर आया उतना ही उसकी नीचे के स्किन भी चमकीली नजर आई।

घरों में ना के बराबर ही निकलते हैं। संभावना है कि लकड़ी मंडी में जहां से लकड़ियां लाई गई होंगी। उसी में यह सांप भी ट्रेवल करके आ गया होगा। और जिस घर में यह सांप निकला उस थैली में ही बैठा होगा।

इस सांप के खाने की बात करें तो यह छोटे जानवर खाता है। यह सांप जहरीला नहीं है। लेकिन छोटे जानवरों का शिकार करता है। स्नेक कैचर ने जिस सांप को पकड़ा वह करीब 3 फीट लंबी फीमेल थी। जिसकी उम्र 4 से 5 वर्ष की होगी।

मंगलवार रात के समय महेंद्र अपने साथियों के साथ जंगल पहुंचे। जहां इस सांप को प्रकृति में छोड़ दिया गया। हालांकि छोड़ने के लिए ऐसी जगह की तलाश की गई जहां ज्यादा सघन पेड़ हो।