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छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए बने हुए कानून और उनके संवैधानिक अधिकार का लगातार हनन…सर्व आदिवासी समाज आदिवासी बाहुल्य की 50 सीटों पर विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़ा करेगा…अरविंद नेताम

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

महासमुंद (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि समाज आदिवासी बाहुल्य की 50 सीटों पर विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़ा करेगा।

महासमुंद में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ बनने के पश्चात से प्रदेश में आदिवासियों के लिए बने हुए कानून उनके संवैधानिक अधिकार का लगातार हनन हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2001 में 32% आरक्षण मिलना था। जो नहीं मिला। परिसीमन में आदिवासियों के 5 आरक्षित सीट को हटा दिया गया और पेशा कानून का नियम बहुत लंबी प्रतीक्षा के बाद बना। लेकिन उस नियम में ग्राम सभा का अधिकार खत्म कर दिया गया।

सर्व आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए सत्ता में काबिज होने 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने सहित समाज के उन तमाम बड़े नेताओं का बहिष्कार करेगी, जो विभिन्न राजनीतिक बड़े पदों पर रहे और अपने समाज का सही प्रतिनिधित्व नहीं किए।

दरअसल, पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब देते हुए अरविंद ने कहा कि नक्सल समस्या, विकास कार्यों के नाम पर आदिवासियों का विस्थापन, जमीन के मामले एवं अपने 23 सूत्रीय मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज लगातार आंदोलन, चक्काजाम, विधानसभा घेराव जैसे लोकतांत्रिक, कदम उठाए। लेकिन ना तो पूर्व की रमन सरकार और ना तो वर्तमान की भूपेश सरकार आदिवासियों के किसी मुद्दे पर बात करना चाहती है, और ना ही उनको दिए गए कानूनी अधिकार को देना चाहते हैं।

बता दें की वर्तमान में आरक्षित सीटों से जीते हुए विधायक आदिवासियों के मुद्दे को रखने में असफल रहे हैं।अब सर्व आदिवासी समाज अपनी आवाज विधानसभा तक रखने और अपने जनमत का उपयोग अपने अधिकारों के लिए करेंगे।