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जशपुर के कांसाबेल,बगीचा, पत्थलगांव व फरसाबहार में मवेशियों को एकत्रित कर उनका टीकाकरण… ‘रोका-छेका’ हेतु गांवों में मुनादी तथा गोठानों में पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था कराने की आग्रह…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

जशपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। जिले में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना अंतर्गत गोठानों को दिन में पशु आश्रय स्थल के रूप में तैयार किया गया। इसी कड़ी में 12 जुलाई तक रोका-छेका अभियान के तहत 172 शिविर लगाए गए। साथ ही ग्राम के मवेशियों को इकट्ठा कर उपचार, रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण,बधियाकरण, कृमि नाशक दवापान, औषधि वितरण विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं पशु नस्ल और संवधर्म किया जा रहा है।

यह भी बता दें, कि मानसून की आगमन के साथ गांव में बोनी और रोपा का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। ऐसे में फसलों की रखवाली भी अति आवश्यक है। अब रोका- छेका का वक्त आ गया है। रोका- छेका से आवारा मवेशियों से फसलों को बचाने में सहायता प्राप्त होगी।

फिलहाल, रोका-छेका के लिए गांवों में मुनादी कराने तथा गोठानों में पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था कराने का आग्रह किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में सभी फसलों का अच्छा मूल्य प्राप्त हो रहा है। किसानों को धान के अलावा खरीफ की अन्य फसलें भी लेनी चाहिए।

खाद बीज की कमी नहीं होने दी जाएगी। हमारे गोठानों में भी पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद उपलब्ध है। उन्होंने इस मौके पर किसानों को खरीफ सीजन में ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का उपयोग करने की सरकार ने अपील की।