Jashpur NEWS : जशपुर में लाखों की लागत से बना जिम और बैडमिंटन कोर्ट कबाड़ में हुआ तब्दील…कई मैदानों का हाल भी है बेहाल…पढ़ें पूरी खबर
जशपुरनगर :- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में युवाओं की खेल प्रतिभा को निखार कर राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का सपना दिखाते हुए लाखों रूपये की लागत से शहर में कलेक्टर कार्यालय के बगल में बेडमिंटन कोर्ट और सर्वसुविधायुक्त जिम की शुरूआत लगभग 8 साल पहले की गई थी।
बता दें कि, शासकीय आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल के पास स्थित यह जिम और बेडमिंटन कोर्ट इन दिनों अपनी घोर प्रशासनिक उपेक्षा पर आंसू बहा रहा है।
ज्ञात हो कि, देखरेख और साफ सफाई के अभाव में कोर्ट की वुडन फर्श को दीमक ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। वहीं जिम में लगे हुए कसरत के मशीन धूल फांक कर पूरी तरह से बर्बाद हो गए है। शहर के इस बहुप्रचारित बेडमिंटन कोर्ट और जिम का 8 साल पहले पूरे सरकारी तामझाम के साथ उद्घाटन किया गया था। तात्कालिन कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता के कार्यकाल तक यह बेडमिंटन और जिम कोर्ट स्थानीय खिलाड़ियों और जिम प्रेमियों से गुलजार रहा करता था। क्योंकि कलेक्टर हिमशिखर गुप्ता कसरत और खेल में विशेष रूचि रखा करते थे और सुबह शाम यहां चक्कर लगाया करते थे।
वहीं, उनके कार्यकाल के दौरान ही इस बेडमिंटन कोर्ट में एक बार राज्य स्तरीय बेडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था। लेकिन इसके बाद इस बेडमिंटन कोर्ट के बुरे दिन शुरू हो गए। देख रेख के अभाव मे बेडमिंटन कोर्ट के वुडन फ्लोर में दीमक लगना शुरू हो गया। बेडमिंटन संघ के लीगल एडवाईजर सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि कोर्ट को दीमक से बचाने के लिए उपचार करने का प्रयास किया गया था। लेकिन यह सफल नहीं हो पाया। उन्होनें बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद जिला बेडमिंटन संघ की बैठक आहूत कर समस्याओ व इसे नए सिरे से संवारने पर विचार किया जाएगा।
कबाड़ में तब्दील हुआ कसरत के उपकरण
दरअसल, शहरवासियों को कसरत करने के लिए आधुनिक जिम का सौगात देते हुए जिला प्रशासन ने इस बैडमिंटन कोर्ट के एक कमरे में जिम की सुविधा भी शुरू की थी। यहां रनिंग मशीन, डम्बल और वेट लिफ्टिंग जैसी अच्छी सुविधा उपलब्ध थी। इस जिम को लेकर युवा वर्ग के साथ अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक सभी वर्ग के लोग सुबह और शाम यहां पहुंचा करते थे। अचानक इस जिम खाना में ताला लटका दिया गया। वर्तमान में इस जिमखाना की हालत बदतर हो चुकी है। यहां का वुडन फ्लोर को दीमक पूरी तरह से चाट चुकी है। वहीं उपकरण,धूल और जंग की भेंट चढ़ चुकी है। जानकारों की माने तो इन उपकरणों का दोबारा प्रयोग करना मुश्किल है।
जशपुर के कई मैदानों का हाल बेहाल
फिलहाल, खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के नाम पर निर्मित जिले के कई स्टेडियम और मिनी स्टेडियम का हाल यही है। इंद्रधनुष योजना के तहत निर्मित मनोरा ब्लाक के केसरा में निर्मित मिनी स्टेडियम और फरसाबहार के स्टेडियम का हाल बेहाल है। आश्चर्य की बात तो यह है कि खेल विभाग का दावा है कि इन सारे इंडोर और आउटडोर स्टेडियम के रख रखाव की कोई जिम्मेदारी उसकी नहीं है।
“बेटमिंटन कोर्ट में अब भी सुबह शाम स्थानीय खिलाड़ी बेडमिंटन खेल रहें हैं। आचार संहिता खत्म होने के बाद जिला बेडमिंटन संघ की बैठक आहूत कर इसे नए सिरे से संवारने का प्रयास किया जाएगा”- सत्यप्रकाश तिवारी,लिगल एडवाईजर,जिला बैडमिंटन संघ,जशपुर