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जल जंगल और जमीन का संरक्षण के लिए शिव पार्वती का विवाह…वनवासियों की अनोखी परंपरा…जल जंगल और जमीन का संरक्षण के लिए बगीचा क्षेत्र की वनवासी 3 साल की लंबी प्रक्रिया के बाद भगवान शिव और पार्वती का अनोखा विवाह संपन्न करते हैं..

जशपुर । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट ।

जशपुर जिले के बगीचा तहसील में जल जंगल और जमीन का संरक्षण के लिए बनवासी 3 साल की लंबी प्रक्रिया के बाद भगवान शिव और पार्वती का अनोखा विवाह विवाह संपन्न करते हैं ..! उसी स्थान से प्रत्येक वर्ष पूजा की सामग्री एकत्रित की जाती है !इस वजह से गांव के लोग आपस में मिलजुल कर जल जंगल और जमीन को सुरक्षित रखते हैं!

बगीचा क्षेत्र के ग्रामीणों का मानना है!इस तरह प्रकृति का संरक्षण से ही उनके गांव की खुशहाली बरकरार रहती है! वनों की हरियाली के साथ मिट्टी और जल का संरक्षण का इस वर्ष तीसरा साल होने के कारण 1 सप्ताह से यहां महादेव और पार्वती के विवाह की धूम मची हुई है!

महादेव पार्वती विवाह में शामिल होने के लिए वनवासी अपना पारंपरिक नृत्य के साथ ढोल नगाड़े बजाते हुए एक दूसरे के घरों में निमंत्रण देने पहुंच रहे हैं!

!वनवासियों का कहना है कि माघ पूर्णिमा के मौके पर भगवान शिव और पार्वती का विवाह धूमधाम से संपन्न कर लिया जाता है…!