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उदयपुर के बालक आश्रमों, छात्रावास में मंडल संयोजक के द्वारा खुलेआम की जा रही वसूली, मानवाधिकार परिषद के पदाधिकारियों ने आयुक्त रायपुर को सौंपा ज्ञापन

उदयपुर ( सरगुजा) । वर्तमान भारत

इरफान सिद्दीकी

सरगुजा- शासन के मंशा अनुसार आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा दिए जाने के उद्देश्य से बालक आश्रम ,छात्रावास का संचालन किया जा रहा है।जिससे बच्चों की अच्छी पढ़ाई व रहने खाने की व्यवस्था की जा सके उदयपुर विकासखंड के कई ग्रामों में बालक आश्रम, छात्रावास संचालित है। जहां बच्चे रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और शासन द्वारा इन बच्चों को खाने-पीने के नाम पर पर्याप्त फंड उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन विडंबना यह है की बच्चों की उन राशियों पर कमीशन खोरी वर्षों से चलती आ रही है। जिससे बच्चों को वह सुख सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं जो उन्हें मिलना चाहिए, सूत्रों के अनुसार मंडल संयोजक के द्वारा बच्चों के देखरेख खाने पीने के लिए जो राशि आ रहे हैं ।उसमें लगातार कई वर्षों से सहायक आयुक्त राशि देने के नाम से कमीशन खोरी किया जा रहा है, यही नहीं बालक आश्रम छात्रावासों में मरम्मत या अन्य कार्य हेतु कंटीजेंसी की राशि आती है। उसमें से भी मंडल संयोजक के द्वारा 20 से 25% राशि ले लिया जाता है, पिछले दिनों उदयपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत नारायणपुर में संचालित बालक आश्रम में मानवाधिकार परिषद के पदाधिकारी वहां पहुंचे और वहां की स्थिति से अवगत हुए जिसमें यह पाया गया कि कमीशन खोरी के कारण बच्चों की व्यवस्थाएं कहीं ना कहीं प्रभावित हो रही हैं जिस पर मानवाधिकार परिषद के पदाधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त रायपुर को शिकायत कर मंडल संयोजक के ऊपर जांच व कार्रवाई की मांग की गई है किया गया है।

इस संबंध में सहायक आयुक्त जे.आर. नागवंशी ने बताया की मुझे मामले की जानकारी मिल गई है मैं तत्काल इस पर जांच व कार्रवाई करूंगा।