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फॉरेस्ट एसडीओ बालगोविंद साहू का पर्यावरण प्रेम काबिले तारीफ!जंगल से भटके नवजात कोटरी शावक को एसडीओ ने सुरक्षित रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू बिलासपुर भेजा!

रायगढ़ ब्यूरो की रिपोर्ट

धरमजयगढ़ ।अभी ठीक से गर्मी पड़ी भी नहीं है और गांव की तरफ जंगली जानवर आने लगे हैं ऐसे ही कुछ कुत्तों की झुंड द्वारा दौड़ाए जाने से जंगल से भटक कर गांव तक पहुंच गए ,चौसिंगा के एक नवजात शावक को अभी हाल ही में पर्यावरण प्रेमी के नाम से जाने जाने वाले फॉरेस्ट एसडीओ बालगोविंद साहू द्वारा धर्मजयगढ़ से कानन पेंडारी जू ,बिलासपुर भेजा गया।

कोटरी शावक की उम्र लगभग महज 3-4 दिन की ही बताई जा रही है, इस गर्मी के सीजन मे कभी – कभी अलग अलग कारणों से वन्य प्राणी गांव की तरफ आ जाते हैं, इसी कड़ी मे धर्मजयगढ़ वनमंडल के कुमा बीट (बोरो रेंज) के जंगल से चौसिंगा का नवजात शावक कुत्तों की झुंड से डरकर,भटक कर गांव की तरफ आ गया था ,उसे पकड़कर ग्रामीणों ने वन विभाग के हवाले कर दिया।
वही वन विभाग के युवा पर्यावरण प्रेमी फॉरेस्ट अधिकारी बालगोविंद साहू द्वारा तत्काल तत्परता दिखाते हुए गांव के पशु चिकित्सकों से संपर्क कर,उसे विधिवत कानन पेंडारी जू, बिलासपुर भेज दिया गया।हालांकि उसे कुत्तों ने किसी तरह से नुकसान नही पहुंचाया है,बताया जा रहा है कि वह सकुशल कानन पेंडारी जू पहुंच चुका है।इन मायनो में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा की संवेदनशील युवा अधिकारी बालगोविंद साहू का पर्यावरण प्रेम वाकई काबिले तारीफ़ है,शायद इसीलिए लोग उन्हें पर्यावरण प्रेमी और कहते हैं,और वे खुद को मजाहिया अंदाज में जनगलहिया भी कहते हैं,उनकी माने तो उन्हें प्रकृति जंगल और पशु पक्षियों से असीम प्रेम है।।