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गरीबों से गोबर खरीदने का आईडिया कैसे आया ?छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बताया…

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

रायपुर !वर्तमान भारत!छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने राज्य की गोधन योजना के बारे में बताया !इस योजना में बघेल सरकार गरीबों से ₹2 किलो में गोबर खरीदती है लेकिन इस योजना का ख्याल कैसे आया? इसके बारे में भी सीएम ने बताया उन्होंने कहा पूरे देश में राजनीति चल रही थी गाय पर !गाय, मवेशी बेचने वालों की सड़कों पर पिटाई होती थी !राजनीति होती थी !आज के दौर में पशुपालन महंगा हो गया है !छुट्टा जानवरों ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है! वे खेतों तक पहुंच गए है !सड़कों पर एक्सीडेंट भी हो रहे हैं !और फसलें भी बर्बाद हो रही है !

इसके बाद हमें ख्याल आया कि इसको अर्थ से जोड़ना जरूरी है! इसलिए हमने तय किया कि चाहे दूध देने वाले मवेशी हो या फिर ना देने वाले हम गोबर खरीदेंगे! यह भी देखने में आया कि सरकार गौशालाओं को अनुदान तो देती थी !लेकिन उसमें चारा देने की व्यवस्था नहीं होती थी! आगे मुख्यमंत्री ने कहा इससे गाय गौशालाओं में कमजोर होती गई! हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं जो खुद पैसे जोड़कर गौशालाएं चलाते हैं !उसी की देखा देखी सरकार ने काम किया !इसलिए हमने तय किया कि अगर गोबर खरीदेंगे तो उससे लोग अर्थ से जुड़ेगें! गोबर खरीदेंगे तो बिना चारा के तो गोबर मिलेगा नहीं ,तो हमने 11000 पंचायतों में गौठान खोलें !10500 पंचायतों में हमने गौठानो की मंजूरी दे दी है !8000 से ज्यादा गौठान हमारे निर्मित हो गए हैं !6500 गौठान सक्रिय है! सक्रिय का मतलब है कि वहां गोबर भी खरीद रहे हैं !उससे दिए, गमला आदि उत्पाद बन रहे हैं!

प्राकृतिक के पेंट के लिए भी हमने एमओयू किया है !भामा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से हमारा एमओयू हुआ है !जिससे हम बिजली भी पैदा करेंगे !जब उनसे पूछा गया कि पीएम मोदी ने यूपी चुनाव प्रचार के दौरान आवारा पशुओं और योजना का जिक्र किया था !क्या भूपेश बघेल खुश हैं या फिर दुखी की पीएम मोदी ने उन्हें क्रेडिट नहीं दिया !इस पर छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि वह बेहद खुश हैं !आवारा मवेशी पूरे देश के लिए बड़ी समस्या है! अगर सड़कों पर एक्सीडेंट होते हैं, इससे जनधन की हानि होती है! अगर फसल हम नहीं बचा पा रहे हैं यह राष्ट्रीय क्षति है !गोबर खरीदने के माध्यम से हम गरीबों को आर्थिक तौर पर फायदा दे रहे हैं !बल्कि वर्मी कंपोस्ट भी बना सकते हैं !

उन्होंने कहा कि आज रासायनिक खाद मिल कहां रहा है !पिछले साल से यूरिया मिलना कम हो गया !यूक्रेन रूस की लड़ाई से भी संकट पैदा हो गया है !पता नहीं यह लड़ाई कहां तक जाएगी! कच्चा माल तो सारा विदेशों से ही आता है !ऐसे में आने वाले समय में पूरे देश में खाद का संकट हो सकता है !ऐसे में अगर रासायनिक खाद नहीं मिलता तो हम वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से फसल बचा सकते हैं !इससे फायदा यह भी होगा कि वर्मी कंपोस्ट से हम ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ेंगे..!