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Navratri 9 Day 2022 : नवरात्रि के नवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा…यश,बल और धन की होगी प्राप्ति…शुभ मुहूर्त…जाने संपूर्ण जानकारी

वर्तमान भारत । धर्म डेस्क ।

गजाधर पैकरा

शारदीय नवरात्र की 8 दिन पूरी हो चुकी हैं और इस नवरात्र पर्व का समापन महानवमी के साथ होता है। नवरात्र के आखिरी दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा आराधना किया जाता है ।जो कि इस वर्ष 4 अक्टूबर 2022 मंगलवार को है।शास्त्रों के अनुसार माता सिद्धिदात्री की उपासना स्वयं देवों के देव महादेव शिव भी करते हैं।

शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी के रूप में माना जाता है ।ऐसा माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरा होती है ।और उसे यश, बल और धन की प्राप्ति होती है ।आइए जानते हैं माता के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में…

शुभ मुहूर्त

▪️ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:38 बजे से 05:27 बजरंग तक।

▪️ अभिजीत मुहूर्त -सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक।

▪️ विजय मुहूर्त -दोपहर 02:08 बजे से 02:55 बजे तक।

▪️ अमृत काल -शाम 04:52 बजे से 06:22 बजे तक।

माता सिद्धिदात्री का स्वरूप

माता सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आसीन चार भुजा धारी वाली रक्ताम्बरी वस्त्रों को धारण किए होती है ।इनके हाथों में क्रमशः सुदर्शन चक्र, शंख ,गदा और कमल पुष्प रहता है। इनके सिर पर बड़ा और ऊंचा सा स्वर्ण मुकुट और मुख पर मंद मंद सी मुस्कान माता सिद्धिदात्री का पहचान है।

मां सिद्धिदात्री पूजा विधि

▪️ सबसे पहले मां की तस्वीर या मूर्ति रखें।

▪️ इस दिन दुर्गा सप्तशती के 9 वें अध्याय से माता का पूजन करें।

▪️ इसके बाद मां की आरती और हवन करना चाहिए।

▪️ हवन करते समय व्यक्ति को सभी देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए।

▪️ इस दिन देवी सहित उनकी वाहन, सायुज अर्थात अस्त्र-शस्त्र योगनियों एवं अन्य देवी देवताओं के नाम से हवन का विधान बताया गया है।

▪️ तत्पश्चात माता सिद्धिदात्री का नाम लेना चाहिए।

▪️इस दौरान दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोक मंत्र पढ़ने चाहिए।

▪️ उन सभी मंत्रों के साथ ही आहुति दें।

▪️ मां की बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।

▪️भगवान शंकर और ब्रह्मा जी की पूजा करें फिर मां की आराधना करें।

▪️ माता सिद्धिदात्री को प्रसाद चढ़ाएं।

▪️ तत्पश्चात माता की प्रसाद को बांटे और खुद भी ग्रहण करें।

डिस्क्लेमर-:
यहां दी गई समस्त जानकारी सामान्य मान्यताओं एवं जानकारियों पर आधारित है इसकी “वर्तमान भारत ” पुष्टि नहीं करता है।