Chhattisgarh News : देश छोड़कर भाग गए CGPSC भर्ती परीक्षा घोटाले के आरोपी…वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बयान पर कांग्रेस ने उठाए सवाल…पढ़ें पूरी खबर
रायपुर :- छत्तीसगढ़ में पीएससी भर्ती परीक्षा जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है। लेकिन सीबीआई ने अब तक मामला दर्ज नहीं किया है। जिसे लेकर छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच एक बार फिर से बयान बाजी शुरू हो गई है।
बता दें कि, छत्तीसगढ़ में वर्ष 2021 में पीएससी भर्ती परीक्षा में कई अनियमितता की शिकायत आई थी। जिसे विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था। भाजपा इसी मुद्दे पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेरती रही। 2023 के विधानसभा चुनाव में इसी मुद्दे को लेकर भाजपा को युवा मतदाताओं का वोट भी प्राप्त हुआ। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करने की बात कही थी।
दरअसल, अपने वादे अनुरूप भाजपा की सरकार ने पिछले महीने काम भी शुरू कर दिया। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अधिसूचना भी जारी कर दी। लेकिन अभी तक सीबीआई ने मामला दर्ज नहीं किया है। खबरों के अनुसार सीबीआई की ओर से इस प्रकरण से संबंधित अधिसूचना और प्रस्ताव में तकनीकी त्रुटियां बता कर नई जानकारी मांगी जा रही है। जिसके चलते सीबीआई जांच की प्रक्रिया में देरी हो रही है।
फिलहाल, इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार में युवा भाई बहनों के साथ धोखा किया गया था। सीबीआई ने FIR भी कर दी है। मामले में संलिप्त कई लोग गायब हो चुके हैं और कुछ लोगों के तो देश छोड़ने की खबरें भी आ रही है। इस जांच से कांग्रेस के अंदर भगदड़ मच गई है। भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पीएससी में हुए घोटाले से तो कांग्रेस के नेता भी नाराज हैं और लगातार शिकायत सामने आई है।
वहीं, दूसरी ओर सीबीआई जांच में हो रही देरी पर कांग्रेस नेता भाजपा सरकार पर हमलावर है। पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का कहना है कि केंद्र और राज्य में भाजपा की डबल इंजन की सरकार है। ऐसे में अगर कोई देश छोड़ रहा है तो डबल इंजन सरकार को कैसे नहीं मालूम? क्या इन लोगों के साथ कोई डील तो नहीं हुई है। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि कांग्रेस की सरकार पर विपक्ष में रही भाजपा ने बेबुनियाद आरोप लगाए थे। जिसके कारण अब भाजपा सरकार को तथ्य जुटाने में देरी हो रही है।