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भारतीय वायु सेना दिवस 2022 : 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस क्यों मनाया जाता है…जाने स्थापना…इतिहास और इसका महत्व

आलेख – गजाधर पैकरा

भारतीय वायुसेना आज 8 अक्टूबर को अपना 90 वां स्थापना दिवस मना रही है ।यह भारतीय वायु सेना दिवस हर भारतीय नागरिक के लिए दुनिया की सबसे मजबूत ताकतवर वायु सेनाओं में शुमार इंडियन एयरफोर्स पर गर्व करने का दिन है ।दरअसल 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी। इसलिए प्रत्येक वर्ष 8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रत्येक बार स्थापना दिवस के अवसर पर भारतीय वायुसेना अपनी ताकत प्रदर्शन करती है ।शानदार परेड और भव्य एयर शो का आयोजन होता है। इस बार यह कार्यक्रम चंडीगढ़ के सुखना झील परिसर में हो रहा है। यह प्रथम अवसर है जब वायुसेना ने वार्षिक वायुसेना दिवस परेड और फप्लाई पास्ट का आयोजन दिल्ली एनसीआर से बाहर करने का फैसला किया है।

वायु सेना दिवस फ्लाईपास्ट में करीब 80 सैन्य विमान और हेलीकाप्टर भाग लेंगे ।हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड, हल्के लड़ाकू विमान तेजस ,सुखोई ,मिग- 29 ,जगुआर, राफेल, आईएल -76, सी -130जे,हॉक, हेलीकॉप्टरों में हल्के हेलीकाप्टर ध्रुव, चिनूक, अपाचे और एम आई -17फप्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे।

भारतीय वायु सेना का इतिहास

देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयरफोर्स कहा जाता था ।1 अप्रैल 1933 को वायु सेना का पहला दस्ता बना। जिसमें 6 आएएफ- ट्रेन्ड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था ।आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रायल” शब्द को हटाकर सिर्फ इंडियन एयरफोर्स कर दिया गया था ।भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका अदा की थी।

आजादी से पहले वायु सेना आर्मी के तहत ही कार्य करती थी ।एयर फोर्स को आर्मी से आजाद करने का श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ ,एयर मार्शल सर थामस डब्ल्यू एल्महर्स्टस को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायुसेना का पहला चीफ एयर मार्शल बनाया गया था। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस ओहदे पर बने रहे थे।

भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य- “नभ:स्पर्शं दीप्तम “यह गीता के 11 अध्याय से लिया गया है ।यह महाभारत की युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक वाक्य है।

वायु सेना दिवस, वायु सेना निशान से अलग नीले रंग का है ‌।जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनो रंगो अर्थात केसरिया ,श्वेत और हरे रंग से बना एक गोलाकार आकृति है ।यह ध्वज उन्हें 1951 में अपनाया गया।