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फर्जी दस्तावेज के साथ डकैती की शिकायत के खिलाफ तहसीलदार पहुँचे थाने …मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार और झूठी- लोमेश मिरी तहसीलदार रायगढ़ ,तहसीलदार पर लगा भारतीय इतिहास की सबसे अनोखी डकैती का आखिर सच क्या है???..शिवकुमार अग्रवाल और तहसीलदार में कौन सच्चा और कौन झूठा??? आखिर कौन कर रहा है शासन प्रशासन को गुमराह???

आशीष यादव की रिपोर्ट

रायगढ़:- छत्तीसगढ़ में इन दिनों प्रशासनिक उच्च अधिकारियों के कुकृत्यों के मामले एक के बाद एक उजागर हो रहे हैं! इन दिनों प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार को लेकर लगातार ईडी, एसीबी विजिलेंस अथवा इनकम टैक्स विभाग के निशानों पर हैं! एक के बाद एक जहां भ्रष्टाचार उजागर हो रहे हैं, बीते दिनों तहसीलदार के ऊपर गंभीर शिकायत की गई थी वही कल सोमवार देर शाम तहसीलदार लोमेश मिरी ने भी सिटी कोतवाली रायगढ़ में लिखित शिकायत कर वैधानिक कार्यवाही की मांग की गई है!!

जानिए क्या है पूरा मामला….


कुछ दिनों पूर्व शिवकुमार अग्रवाल के द्वारा तहसीलदार लोमेश मिरी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर डकैती का आरोप लगाया है वही तहसीलदार रायगढ़ लोमेश मिरी के द्वारा अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि 28 अगस्त 2016 को आवेदिका श्रीमती गायत्री बंसल गांधी गंज के द्वारा भाड़ा नियंत्रण अधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया है जिसमे वादग्रस्त भूमि पर हक दिलाने की मांग किया गया है । जिसे लेकर न्यायालय द्वारा विधिवत सुनवाई करते हुए आवेदिका के पक्ष में आनावेदक से भूमि रिक्त करा कर देने का निर्णय दिया गया है ।

भाड़ा नियंत्रण अधिकारी के निर्णय के तहत आवेदिका के द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर वादग्रस्त भूमि का अधिकार दिलाने के लिए आवेदन किया गया है आवेदन पत्र पर अनावेदक सेंट्रल बैंक को नोटिस जारी किया गया था जिसका जवाब प्रस्तुत किया गया है ।

मान न्यायालय भाड़ा नियंत्रण अधिकारी के पारित आदेश के परिपालन में वादग्रस्त मकान भूमि का अधिपत्य आवेदिका को दिलाने को लेकर न्यायालय द्वारा राजस्व अधिकारियों/कर्मचारी की टीम गठित की और न्यायालयीन आदेश के परिपालन में पुलिस की देखरेख में आनावेदक से भूमि खाली कराने की प्रक्रिया की गई है जिसकी पूरी तरह से वीडियोग्राफी कराई गई है।

तहसीलदार द्वारा बताया गया कि लगाए गए आरोप निराधार है प्रशासनिक छवि को धूमिल करने के लिए षड्यंत्र रचा गया है सिटी कोतवाली थाना में लिखित शिकायत कर शिव कुमार अग्रवाल पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की मांग की गई है।

गौरतलब हो कि तहसीलदार द्वारा उपलब्ध कराई गई दस्तावेजों के अनुसार न्यायालय के आदेश के परिपालन में वादग्रस्त मकान भूमि को खाली कराकर आवेदिका को दिलाने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारी / कर्मचारी पुलिस की टीम मौके पर गई थी, रामदेव सिंह के माता और कार्यवाही का पंचनामा तैयार किया गया है जिसमें किसी भी प्रकार का कीमती सामान नहीं पाए जाने का उल्लेख किया है, बता संपूर्ण कार्यवाही की वीडियोग्राफी की गई है, अनावेदक द्वारा अपनी सहमति से मकान की चाबी को अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया गया था तथा प्राप्त जानकारी अनुसार तहसीलदार के खिलाफ शिकायतकर्ता शिव कुमार अग्रवाल पूरे मामले में पक्षकार नही है । अब ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं पुलिस की जांच कार्यवाही मैं यह देखना होगा कि प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार न्यायालय अनुपालन करते हुए पाए जाते हैं अथवा झूठे दस्तावेजों का सहारा लेकर शिकायतकर्ता शिवकुमार अग्रवाल कर्तव्यनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की छवि धूमिल कर रहे हैं !

बहरहाल देखा जाए तो शिकायतकर्ता शिव कुमार अग्रवाल एवं तहसीलदार दोनों में से कोई एक जिला प्रशासन को गुमराह कर रहा है ऐसे में अब यह देखना होगा कि दोनों की उपरोक्त शिकायत पर पुलिस जाँच में क्या निकल कर आता है। दोनों पक्षों की तरफ से सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कर लिया गया है । पुलिस जाँच में जुट गई है ।