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Chaitra Navratri 2023 : नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है पूजा…इस विधि और मंत्र से करें मां की पूजा…बरसेगा आशीर्वाद

वर्तमान भारत । धर्म डेस्क ।

लेख: गजाधर पैकरा

जशपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। देवी पुराण के अनुसार देवी दुर्गा के तृतीय स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी के यह 9 पवित्र दिन बहुत ही पावन होते हैं। देवी के नौ रूप बहुत ही सुंदर और अलौकिक होते हैं। मां दुर्गा के नौ रूपों में से मां का यह रूप सौम्यता और शांति से लबरेज है। चंद्रघंटा का अर्थ है जिसके माथे पर चंद्रमा है। मां शांति का प्रतिनिधित्व करती है।

मां चंद्रघंटा क्यों कहते हैं?

मां दुर्गा का यह रूप बेहद ही सुंदर और अलौकिक होता है। चंद्र के समान मां के इस रूप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है। मां चंद्रघंटा का यह रूप परम शांति दायक और कल्याणकारी है। देवी मां के माथे पर घंटे का आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इस कारण ही इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। इनका शरीर सोने के समान चमकता है। देवी का यह रूप परम शांति दायक और कल्याणकारी है। यह देवी दस हाथों से सुशोभित है। यह देवी खडग एवं अन्य अस्त्र शस्त्रों से सुशोभित है।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

सुबह स्नान करने के पश्चात मां की पूजा से पूर्व सभी देवी देवताओं का आह्वान करें। उसके पश्चात मां चंद्रघंटा का ध्यान कर प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। अगर तस्वीर है तो उसको स्वच्छ कपड़े से साफ करें। इसके बाद मां चंद्रघंटा को धूप, दीप, रोली, चंदन, अक्षत अर्पित करें। मां को कमल और शंखपुष्पी के फूल अर्पित करें। यह फूल उनको बहुत ही प्रिय है।

पूजा के पश्चात घर में शंख और घंटी जरूर बजाएं। मां को दूध या फिर दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। भोग लगाने के पश्चात हाथों में फूल लेकर मां के मंत्र का माला जाप करें। आखिर में व्रत कथा का पाठ कर आरती करें। ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है।

मां चंद्रघंटा का आराधना मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां चंद्रघंटा का भोग

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई,खीर और पकवान का भोग लगाएं। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती है और सभी दुखों को हर लेती है।

साल में आती है चार नवरात्रि

प्रत्येक वर्ष 6 महीने के अंतराल पर नवरात्रि आती हैं। पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें दिन मां सिद्धिदात्री के रूप की पूजा की जाती है। मां के हर रूप का महत्व और हर रूप की अलग खासियत है। और आज के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जा रही है।

मां की पूजा का महत्व

मां चंद्रघंटा की कृपा से ऐश्वर्य और समृद्धि के साथ सुखी दांपत्य जीवन मिलता है। विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। घर में संपन्नता आती है।