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श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा दिन : गलती हो जाए तो प्रायश्चित जरूर करें- परम श्रद्धेय भागवताचार्य पंडित राजाराम जी महाराज

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

मालिडीपा वार्ड न.48 की धन्य धरा मे समस्त वार्ड व क्षेत्रवासियों की ओर से मालिड़ीपा स्थित कथा स्थली में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को कथा व्यास परम श्रद्धेय भागवताचार्य पंडित राजाराम जी महाराज जी ने कहे कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं।

लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है।

कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया।

कहे कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है।
कथा व्यास ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र की प्राप्ति किया।

हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है।