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नंदकुमार साय के भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थामने से बनते-बिगड़ते दांवपेच…कांग्रेस की बढ़ी मुसीबत…पार्टी के सामने चुनौती?..पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

जशपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। जिले में 3 विधानसभा सीटें हैं। यह तीन सीट कुनकुरी, पत्थलगांव और जशपुर शामिल हैं। लेकिन अबकी बार की परिस्थिति और विधायकों के कार्य करने के तौर तरीके से आम जनता इतना खुश नजर नहीं आ रही है।

वही सरगुजा संभाग में कुल 14 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर कांग्रेस ने अपनी जीत दर्ज की थी। इन्हीं 14 सीटों में ही जशपुर की 3 विधानसभा सीट भी शामिल है।

जशपुर के तीनों विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के लिए सबसे चिंताजनक सीट कुनकुरी विधानसभा से हो सकती है। क्योंकि एक और जहां सिटिंग एमएलए की छवि जनता की नजर में खराब हुई है। वही बीजेपी छोड़ कांग्रेस मैं शामिल होने वाले पूर्व भाजपा नेता नंदकुमार साय ने भी कुनकुरी सीट से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा प्रकट कर दी है। ऐसे में अब की बार कुनकुरी सीट पर जीत दर्ज करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

जशपुर जिले के कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस के यूडी मिंज विधायक हैं। लेकिन जनता के मध्य विधायक की छवि धीरे-धीरे अधिक खराब हो गई है। वैसे इस विधानसभा के लिए यूडी मिंज के अलावा एक अन्य दावेदार भी है, जो लंबे अर्से से इस विधानसभा मेहनत कर रही हैं। इन दावेदारों में पूर्व सरगुजा कमिश्नर जीनेवीवा किंडो का नाम सबसे ऊपर है। किंडो 1 साल पहले रिटायर हुई हैं। तब से वह कुनकुरी विधानसभा में काफी सक्रिय है। कुनकुरी विधानसभा के लोग बताते हैं कि वह अपने नौकरी समय में भी इस क्षेत्र के लिए काफी अच्छे कार्य कर चुकी हैं।

अपनी अच्छे व्यवहार के कारण कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही है। लोगों की माने तो बेदाग छवि के साथ अपने सरल स्वभाव के कारण कुनकुरी विधानसभा में अपनी एक पहचान बना चुकी है। कुल मिलाकर तमाम दावेदारों के बीच जिनेवीवा किंडो को इस बार कुनकुरी से विधानसभा टिकट मिलने की सबसे बड़ी हकदार के तौर पर देखा जा रहा है।

भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थामने वाले नंदकुमार साय कुनकुरी विधानसभा के फरसाबहार ब्लॉक की भगोरा गांव के निवासी हैं। नंद कुमार साय पुरानी तपकरा विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। तपकरा विधानसभा का अब कुनकुरी विधानसभा में मिलाव हो चुका है।

यह भी बता दें कि नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल होते ही कुनकुरी और पत्थलगांव विधानसभा से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा प्रकट कर दी है। ऐसे में अगर नंदकुमार साय कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं तो फिर यूडी मिंज का पता साफ़ हो सकता है।

क्योंकि नंदकुमार साय क्षेत्रीय नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी चेहरा है, और चुनाव के ठीक पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। तो फिर कांग्रेस पार्टी को भी उनकी चाहत का ख्याल तो बिल्कुल रखना ही पड़ेगा। साथ ही जिनेवीवा किंडो की मेहनत पर भी पानी फिर सकता है।

कुनकुरी विधानसभा का चुनाव दांवपेच काफी जटिल दिख रहा है। जिसको सुलझाना कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौती साबित हो सकता है। क्योंकि अगर सिटिंग एमएलए यूडी मिंज और टिकट की आस में बैठी पूर्व कमिश्नर का टिकट कट जाता है, तो दोनों के बगावती तेवर भी सामने आने की संभावनाएं जताई जा सकती है।

हालांकि कुनकुरी विधानसभा सीट के आम जनता कांग्रेस नेता नंद कुमार साय को सबसे सशक्त दावेदार मान रहे हैं। लोग उनकी जीत भी तय मान रहे हैं। लेकिन एक पुरानी कहावत है कि “घर का भेदी,लंका ढाए”। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस इस सीट पर पतन की ओर जा सकती है। इधर मौजूदा विधायक यूडी मिंज कई बार विवादों के घेरे में आ चुके हैं। जिसको लेकर खासकर युवाओं में काफी नाराजगी चल रहा है।