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१६ फरवरी का इतिहास : दादा साहब फाल्के की पुण्यतिथि आज…भारत के महान वैज्ञानिक मेघनाथ साहा का निधन…जाने आज के दिन की क्या है खास…पढ़ें आज का इतिहास



History of १६ February :- हर दिन का अपना इतिहास होता है. इतिहास के पन्नों को पलट के देखेंगे तो पाएंगे कि कितनी ही कहानियां इसमें दफ़्न है. आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं. १६ फ़रवरी साल २००५ को आज ही के दिन ‘क्योटो प्रोटोकॉल’ (‘Kyoto Protocol’) को लागू किया गया था. बता दें पृथ्वी के बढ़ते तापमान यानी कि ‘ग्लोबल वार्मिंग’ (Global warming) की स्थिति को देखते हुए १४१ देशों ने इस करार पर हस्ताक्षर किया था. इस संधि के जरिये वायुमंडल को गर्म करने वाली ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की बात कही गई है.

इतिहास के दूसरे अंश में बात हिंदी सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले ‘दादा साहब फाल्के’ (‘Dada Saheb Phalke’) की होगी. आज दादा साहब फाल्के की पुण्यतिथि है. बता दें दादा साहब फाल्के ने भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म बनाई थी. इस फिल्म का नाम ‘राजा हरिश्चंद्र’ था जो कि एक मूक फिल्म थी. दादा साहब फाल्के के नाम पर ही सिने जगत का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाता है. 

इतिहास के तीसरे अंश में बात ‘किंग तुत’ की करेंगे. १६ फरवरी साल १९२२ ये वो दिन था जब मिस्र के राजा तूतेनखामेन (king tutankhamen) की कब्रगाह का दरवाजा खोला गया था. ब्रिटेन के आर्कियोलॉजिस्ट हार्वर्ड कार्टर (Archaeologist Harvard Carter)ने ‘वैली ऑफ द किंग्स’ में स्थित पिरामिड (pyramid) में तूतेनखामेन या किंग तूत की रहस्यमयी मौत का खुलासा किया था. इसी के बाद मालूम हुआ था कि तूतेनखामेन सिर्फ १० साल की उम्र में राजा बना और १९ साल की उम्र में उसकी मौत हो गई. जिसके बाद उसके शव की ममी बनाकर पिरामिड में दफ्ना दिया गया था.

देश- दुनिया में १६ फरवरी का इतिहास

२००१: फिलीपींस की राजधानी मनीला में जूतों के अनूठे संग्रहालय का उद्घाटन। यहां तरह-तरह के जूतों के हजारों जोड़े रखे गए हैं.

१९८७: पनडुब्बी से पनडुब्बी तक मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.

१९७१: पश्चिमी पाकिस्तान और चीन के बीच राजमार्ग को औपचारिक तौर पर खोला गया.

१९६९: जमाने भर में मशहूर उर्दू शायर मिर्जा गालिब की 100वीं पुण्यतिथि पर उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया.

१९५९: तानाशाह जनरल फुलगेंसियो बतिस्ता की सेनाओं को हराने के बाद फिदेल कास्त्रो ने क्यूबा का शासन अपने हाथों में लिया.

१९५६: भारत के महान वैज्ञानिक मेघनाद साहा का निधन। उन्हें साहा इक्वेशन के लिए याद किया जाता है.

१९४४: हिंदी सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहब फाल्के का निधन। दादा साहब फाल्के पुरस्कार को सिने जगत का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है.