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गांव-शहर के नाम के आगे ‘पुर’ क्यों लगाया जाता है ? जवाब जानकर हो जाएंगे खुश…जानें ‘पुर’ का मतलब…पढ़ें पूरी खबर


Lifestyle News Desk :- गांव-शहर के नाम के आगे पुर क्यों लगाया जाता है ? जवाब जानकार खुश हो जाएंगे आप, यहाँ जानें पुर का मतलब। आज हम जानेंगे कि इस ‘पुर’ का मतलब क्या होता है।

गांव-शहर के नाम के आगे लगा ‘पुर’


आपने कई गांवों और शहरों के नाम के आगे लिखा पुर देखा होगा। जैसे कि कानपुर, जबलपुर, रायपुर, जशपुर, अंबिकापुर।

इस तरह बड़े-बड़े और कई छोटे शहर यहां तक की गांव के नाम के आगे भी लगा होता है। जिसे आप बोलते भी हैं और पढ़ते भी हैं। लेकिन क्या कभी यह सोचा कि इस पुर का मतलब क्या है जो ज्यादातर नाम के अंत में लगा रहता है। अगर नहीं तब आइये आज जान लीजिए जिसे जानने के बाद आपको बेहद खुशी होने वाली है। वहीं अगर आपके भी गांव या शहर के नाम के आगे पुर लगा हुआ है तो आपको और ज्यादा प्रसन्नता होगी।

यहाँ जानें ‘पुर’ का मतलब

गांव या शहर के नाम के आगे लगे पुर के बारे में यह कहा जाता है कि इस पुर शब्द का अर्थ शहर या फिर किला होता है। जिसके बारे में ऋग्वेद में जानकारी दी जाती है। दरअसल, पुराने समय में जब राजा-महाराजाओं की कई रियासतें होती थी तो वह अपने रियासतों का नाम देने के लिए अपने नाम के आगे पुर लगा दिया करते थे। बता दे कि प्रशिद्ध चीजों के नाम के आगे भी पुर लगाया जाता था। ऋग्वेद के अलावा इसके बारे में अरबी भाषा में भी जानकारी दी गई है। आइये जानते है जयपुर का नाम कैसे पड़ा था।

जयपुर शहर का नाम कैसे पड़ा

पुर शब्द का अर्थ समझने के लिए हम एक शहर के नाम के अर्थ के बारे में जानते हैं जिसका नाम जयपुर है। जयपुर नाम की बात की जाए तो इस शहर का जब निर्माण हुआ, उसके बाद राजा ने इसका नाम अपने नाम पर रखा। दरअसल, राजा का नाम जयसिंह था और उन्होंने अपने नाम के शब्द जय में पुर लगाकर शहर का नामकरण कर दिया। इस तरह राजा जयसिंह के नाम को लेकर पुर शब्द यानी कि किला या शहर लगाकर एक शहर के नाम का नाम रखा गया है।