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Chhattisgarh News : महतारी वंदन Vs महालक्ष्मी योजना, किसकी रहेगी जोर…कहा जा रहा है इन दो महत्वाकांक्षी योजनाओं के सहारे होगी वैतरणी पार…पढ़ें पूरी खबर



बिलासपुर :- छत्तीसगढ़ की शेष सात लोकसभा सीटों के लिए सात मई को मतदान पूरा हो गया है। बिलासपुर लोकसभा की आठ विधानसभा सीटों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पुरुष के साथ ही महिला मतदाताओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है।

ज्ञात हो कि, मस्तूरी विधानसभा में तो पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। कमोबेश सभी विधानसभा सीटों पर महिलाओं की प्रभावी उपस्थिति रही। मतदान केंद्रों में महिलाओं मतदाताओं की धमक के बाद एक बार फिर इनके रुझान को लेकर चर्चा छिड़ गई है। विधानसभा चुनाव की तर्ज पर मोदी की गारंटी पर मुहर तो नहीं लगा दी या फिर महालक्ष्मी योजना का आकर्षण तो नहीं रहा। बहरहाल यह चर्चा आम लोगों से लेकर दोनों ही दलों के रणनीतिकारों के बीच भी गंभीरता के साथ चल रही है। यही नहीं आकलन में भी जुट गए हैं। बहरहाल धड़कनें दोनों तरफ तेज है।

बता दें कि, बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों की अपनी अलग विशेषता है। पार्टी के प्रति मतदाताओं की प्रतिबद्धता के साथ ही जातिगत वोटों की एकजुटता प्रमुख है। सात मई को मतदान के बाद अब विधानसभावार मतदान का अधिकृत आंकड़ा राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी कर दिया है। कम और ज्यादा मतदान वाली विधानसभा सीटों को लेकर दोनों ही दलों के रणनीतिकार और प्रबंधक आकलन में जुट गए हैं। यह सवाल भी इनकी तरफ से उठ रहा है कि कम और अधिक मतदान के मायने क्या हो सकते हैं। वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर भी चर्चा प्रारंभ हो गई है। दोनों ही दलों के रणनीतिकारों के आकलन और अनुमान के केंद्र में एक बार फिर महिलाएं ही हैं। आधी आबादी के रुझान को लेकर लगातार चर्चा चल रही है।

फिलहाल, सात मई को मतदान था। इसके पहले ही एक मई को महतारी वंदन योजना की राशि हितग्राही महिलाओं के बैंक खाते में जमा करा दी गई थी। भाजपा के प्रमुख रणनीतिकारों व चुनाव प्रबंधन से जुड़े प्रमुख नेताओं का मानना है कि महतारी वंदन योजना का प्रभाव महिलाओं पर है। घर से निकलकर मतदान केंद्र पहुंचने और वोट डालने के पीछे इसे ही एक बड़ा और प्रभावी कारण मान रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अमूमन सभी सभाओं में महतारी वंदन योजना का जिक्र करते थे और निरंतर जारी रहने का आश्वासन भी दे रहे थे। उन्होंने तो यहां तक महिलाओं को आश्वस्त किया कि जब तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रहेगी योजना चलती रहेगी।

वहीं, रणनीतिकारों को भरोसा भी इसी बात का है। सीएम के भरोसे पर महिलाओं ने अपने वोट की गारंटी जरूर दी होगी। महालक्ष्मी योजना को लेकर कांग्रेसी शिविर में उत्साह देखा जा रहा है। दो महत्वाकांक्षी योजनाओं के सहारे वैतरणी पार होने की बात कही जा रही है।

जातिगत समीकरणों पर जोर

फिलहाल, बिलासपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों के जातिगत समीकरणों पर नजर डालें तो तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी मतदाताओं की बहुलता है। मुंगेली विधानसभा में एससी के अलावा साहू व यादव मतदाताओं की बहुलता है। ठाकुर व ब्राह्मण मतदाता भी प्रभावी भूमिका में है। लोरमी विधानसभा सीट में एससी के बाद साहू, आदिवासी, यादव, जायसवाल व कुर्मी मतदाता हैं। मस्तूरी विधानसभा में एससी के बाद यादव व साहू समाज की बहुलता है। कोटा विधानसभा में आदिवासी मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। जातिगत समीकरणों पर ध्यान देने के साथ ही वोटों के ध्रुवीकरण और प्रतिबद्ध मतदाताओं को लेकर संभावनाएं टटोल रहे हैं।