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भारत -नेपाल सीमा विवाद:नेपाल कालापानी में उपग्रह से करेगा जनगणना ,भारत ने कहा – हद न लांघें

वर्तमान भारत । इंटरनेशनल ।

इरफान सिद्दिकी (उप संपादक)

नेपाल में गुरुवार से शुरू हुई 12वीं जनगणना ने भारत के साथ सीमा विवाद को फिर से चर्चा में ला दिया है। दरअसल, नेपाल भारतीय क्षेत्र के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र पर अपना दावा करता है। इन क्षेत्रों पर भारत का कानून चलता है। नेपाल के सेंट्रल स्टैटिक्स ब्यूरो (सीएसबी)के महानिदेशक नेबिन लाल श्रेष्ठ बताते हैं कि हम देश के अधिकारिक मानचित्र में शामिल सभी जगहों पर जनगणना करेंगे।

यदि भारत सरकार अनुमति देगी तो हम लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र के हर घर का डेटा जुटाएंगे। श्रेष्ठ का कहना है कि अनुमति नहीं मिलने पर तो हमारे पास कई अन्य विकल्प मौजूद है। सैटेलाइट चित्रों का इस्तेमाल करेंगे। इसकी मदद से हम क्षेत्र में मौजूद घरों और उसमें रहने वाले सदस्यों की संख्या अनुमान लगाएंगे। भारत ने दो टूक कहा है कि नेपाल की ओर से भारतीय क्षेत्र में जनगणना की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नेपाल अपनी हदों को न लांघे। जनगणना अधिकारी प्रश्नावली भरने के लिए हर घर का दौरा करेंगे। उल्लेखनीय है कि बीते साल मई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से होकर जाने वाले कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन किया तो नेपाल ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी ओली इन क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताते हुए नया नक्शा जारी किया था।

इस नक्शे को मान्यता देने के लिए संविधान संशोधन भी किया। दोनों पक्ष अपने दावों के समर्थन में ऐतिहासिक ग्रंथों व दस्तावेज का हवाला देते हैं।

पूर्व विदेश मंत्री और विपक्ष के प्रवक्ता यूएमएल प्रदीप ग्यावली ने दैनिक भास्कर से कहा कि सरकार को क्षेत्र में पूर्ण जनगणना करने के लिए भारत सरकार के साथ समन्वय करना चाहिए था। इस मुद्दे को अब आकार नहीं लेना चाहिए था, हमने भारत से इस मुद्दे पर बातचीत करने का आग्रह किया, लेकिन ऐसा करने से वे हिचक रहे हैं।

नेपाल ने पिछले साल नक्शा पारित कर इन्हें अपना क्षेत्र बताया था

नेपाल सीएसबी के सूचना अधिकारी तीर्थ चुलागाई के अनुसार लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र में जनगणना के लिए भारतीय सरकार से अनुमति मांगी है। इन क्षेत्रों के पांच गांवों में लगभग 800 लोग रहते हैं। इन गांवों के घरों को जनगणना के लिए चिन्हित किया गया है। नेपाल में प्रत्येक दस वर्ष में जनगणना का कार्य शुरू किया जाता है। ये 12 वीं जनगणना है।

भारत ने नवंबर, 2019 में अपने आधिकारिक राजनीतिक नक्शे में इन क्षेत्रों को अपने अधीन दर्शाया था। भारत इन क्षेत्रों को अपना बताता है। इन क्षेत्रों के एक गांव नाबी के प्रधान सनम नाबियाल का कहना है कि जनगणना में शामिल करना नेपाल की राजनीतिक चाल है। ये इलाके भारत का हिस्सा हैं। नेपाल को इन क्षेत्राें को अपना बता कर जनगणना करने का कोई हक नहीं है।