Latest:
Trending News

आज का जीवन मंत्र :सुख-दुख का आना-जाना लगा रहता है यही जीवन है…इसलिए हमेशा सकारात्मक रहें…सुख आएगा तो दुख भी आएगा…

वर्तमान भारत । जीवन दर्शन

प्रस्तुति : गजाधर पैकरा

महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था !पांडव राजा बन चुके थे! श्री कृष्ण ने निर्णय लिया कि अब मैं द्वारिका जाऊंगा !श्री कृष्ण रथ पर बैठे आगे बढ़े,तो सामने कुंती खड़ी थी !कुंती श्री कृष्ण की बुआ थी !

बुआ को देखकर श्री कृष्ण रथ से नीचे उतरे श्री कृष्ण उन्हें प्रणाम करते,इससे पहले कुंती झुकी और श्रीकृष्ण को प्रणाम करने लगी !श्री कृष्णने कहा-आप मेरी बुआ है! मैं आपका माता की तरह सम्मान करता हूं !मेरा नियम भी है कि हर रोज मैं आपको प्रणाम करता हूं !आज भी कर रहा था! लेकिन अापने यह क्या किया? आपने मुझे क्यों प्रणाम किया?

कुंती ने कहा-कृष्ण कुछ वर्षों के बाद मेरा जीवन पूरा हो जाएगा! मैं जानती हूं कि तुम मेरे भतीजे ही नहीं,भगवान भी हो !अब मुझे भक्त बन जाने दो !तुम चले जाओगे !एक बार भगवान बन जाओ !
श्री कृष्ण ने कहा-ठीक है भगवान से सभी लोग कुछ न कुछ मांगते हैं !आप भी कुछ मांग लीजिए!
कुंती ने कहा-देना ही चाहते हो तो मुझे दुख दो !
यह सुनकर श्री कृष्ण बोले-दुख?मैं आपको जानता हूं आपके जीवन में कभी सुख आया ही नहीं ऊपरवाला कुछ लोगों का जीवन दुखों की प्रयोगशाला बना देता है! उनमें से एक आप हैं !फिर भी दुख मांग रही हैं !

कुंती ने कहा-दुख में भगवान बहुत याद आता है !कुछ दुख तो ऐसे आते हैं कि जब हम भगवान का कंधा पकड़ कर उनके निकट चले जाते हैं !हमें लगता है कि हम भगवान का कंधा पकड़ उनसे कुछ कहें,कुछ पूछें! इसलिए मुझे दुख दे दो !

श्री कृष्ण बोले-ठीक है,जैसी आपकी इच्छा !

सीख

यहां भगवान से दुआ मांगने का मतलब यह है कि जीवन में दुख तो आएंगे ही आप मांगो या ना मांगो!कुछ लोगों के जीवन में तो रोज सुबह सुबह नई-नई दुख:आ जाते हैं !अगर हम यह मान ले कि सुख आएगा तो दुख भी आएगा और दुख के समय हमें भगवान के निकट चले जाना चाहिए !भक्ति करनी चाहिए! ऐसा करने से दुख को सहन करने की शक्ति बढ़ जाती है !यही बहुत बड़ा सहारा होता है.!