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Holika Dahan 2022 timings:सही समय पर ही करें होलिका दहन…यहां जानिए शुभ मुहूर्त…आज बच्चों को नजर लगने से कैसे बचाएं…

वर्तमान भारत । ज्योतिष

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट


होलिका दहन मुहूर्त किसी भी त्योहार मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण और जरूरी है !यदि किसी अन्य पर्व की पूजा समय पर ना की जाए तो पूजा के लाभ से ही वंचित रह जाते हैं !लेकिन अगर होलिका दहन की पूजा अनुचित समय पर की जाए तो यह दुर्भाग्य और पीड़ा लाती है !इस बार होलीका दहन 17 मार्च,गुरुवार को किया जाना है !भद्रा के कारण होलिका दहन के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति है! ज्योतिषाचार्यों के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01बचकर 29 मिनट से प्रारंभ होगी !और समापन 18 मार्च को दोपहर 12:47 पर होगा !भद्रा प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 2 मिनट से और समापन 17 मार्च को देर रात 12:57 पर होगा! होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च को 12:57 के बाद से है!

होलिका दहन 2022 :इसलिए भद्रा में नहीं किया जाता होलिका दहन

भद्र काल के दौरान होलिका जलाने से ग्राम समाज को नुकसान उठाना पड़ता है,इसलिए भद्र काल को छोड़कर होलिका दहन किया जाता है !सुख शांति और समृद्धि के लिए होलिका की पूजा करने के लिए पारंपरिक नियम इस प्रकार है !पूजा करने वालों को होलिका में जाकर पूजा शुरू करने से पहले पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए!

होलिका दहन उपाय:बच्चों को नजर से बचाने के लिए करें यह काम

हिंदू पौराणिक ग्रंथों में होलीका उल्लेख हरि के भक्त प्रहलाद की चाची होलिका के रूप में किया गया है !जिसने अपने भाई हिरण्यकश्यप के कहने पर प्रहलाद को मारने की कोशिश की! लेकिन हुआ उल्टा !होलिका जलकर राख हो गई !और हरि भक्त प्रहलाद सुरक्षित रहे !

पूर्वी भारत में कई स्थानों पर होलिका में भरभोलिया जलाने की भी परंपरा है !भरभोलिया गाय के गोबर की ऐसी उपले होते हैं! जिनकी बीच में छेद होता है !इस छेद में मूंज की रस्सी डालकर माला बनाई जाती है !
एक माला में 7 भरभोलिया होते हैं !होलीका में आग लगाने से पहले इस माला को भाइयों के सिर पर 7 बार फेरा जाता है !रात के समय होलिका दहन के समय इस माला को होलिका से जलाया जाता है !इसका मतलब है कि होली के साथ-साथ भाइयों पर बुरी नजर भी लग जाती है! इसलिए ऐसा किया जाता है.!