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पूर्व छात्रों और जनप्रतिनिधियों ने दिया धरना …जशपुर में शासकीय स्कूल का नाम बदले जाने का विरोध …

जशपुर। वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

जशपुर,छत्तीसगढ़ !वर्तमान भारत! जशपुर जिले में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का नाम स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल करने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है !स्थानीय जनप्रतिनिधि इसे सरकार की मनमानी बता रहे हैं !पूर्व छात्रों, पालकों, एवं नागरिकों ने पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के साथ धरना प्रदर्शन किया !इस धरना प्रदर्शन में शहर समेत आसपास के ग्रामीण भी शामिल हुए !जशपुर में शासकीय स्कूल का नाम बदले जाने का विरोध प्रदर्शन !

स्कूल को बताया गया ऐतिहासिक धरोहर

इस अवसर पर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि जन भावना की उपेक्षा कर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मनमानी पर उतारू है !स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल के नाम पर शासन प्रशासन जसपुर के गरीब आदिवासी बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है! शासकीय बालक हाई स्कूल शहर ही नहीं पूरे जिले की विशिष्ट पहचान और ऐतिहासिक धरोहर है इसे किसी भी कीमत में नष्ट नहीं होने दिया जाएगा!

90 फ़ीसदी आदिवासी बच्चे कर रहे पढ़ाई

गणेश राम भगत की मानें तो इस स्कूल में 90 फ़ीसदी आदिवासी और पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चे पढ़ रहे हैं !इन बच्चों और उनके अभिभावकों से बिना चर्चा और सहमति की सरकार ने यह कदम उठाया है जो उचित नहीं है! सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय संचालित करना चाहती है तो इसके लिए अलग से भौतिक और मानव संसाधन जुटाना चाहिए! इस तरह पीढ़ियों से संचालित स्कूलों को बंद करना ठीक नहीं है!

जनता की आवाज को किया जा रहा अनसुना

सामाजिक कार्यकर्ता राम प्रकाश पांडे ने कहा कि पहले अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल के नाम पर सरकार ने जनता की आवाज अनसुनी की !उन्होने कहा कि अधिसूचित जिला होने के कारण यहां के स्थानीय रहवासियों की आवाज को सरकार अनसुना नहीं कर सकती !इस परिवर्तन को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है..!