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तेंदूपत्ता संग्राहकों के पैर धोए, तिलक लगाया फिर खरीदी

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बलरामपुर जिले के राजपुर लघु वनोपज समिति के 17 केंद्रों में गुरुवार से तेंदूपत्ता खरीदी आरंभ हो गई। पहले दिन से ही संग्राहक बड़ी संख्या में केंद्रों में पहुंचकर तेंदूपत्ता की बिक्री कर रहे हैं। ग्रामीण आजीविका संवर्धन में तेंदूपत्ता संग्रहण मददगार होता है। खरीदी के पहले दिन लघु वनोपज समिति प्रबंधक संघ के प्रांताध्यक्ष सुरेश सोनी अधिकांश केंद्रों में पहुंचे। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहको का सम्मान किया।सभी संग्राहकों के पैर छुए और उनका तिलक लगाकर केंद्र में स्वागत किया। यह पहला अवसर था जब तेंदूपत्ता संग्राहकों का खरीदी केंद्रों में स्वागत किया गया। बता दें कि प्रत्येक वर्ष तेंदूपत्ता की खरीदी की जाती है। विभागीय खरीदी के अलावा कई केंद्रों का ठेका भी होता है। गर्मी के दिनों में सुबह से गांव वाले तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल चले जाते हैं।तेज धूप होने से पहले घर वापस लौट कर परिवार के सभी सदस्य मिलकर निर्धारित पत्तों की संख्या की गिनती कर उसकी गड्डी बनाते हैं।दोपहर बाद तेंदूपत्ता की बिक्री करने केंद्रों में पहुंचते हैं। तेंदूपत्ता संग्राहको के लिए शासन द्वारा भी कई सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के छोटे-छोटे बच्चे भी माता-पिता का सहयोग करने केंद्रों में तेंदूपत्ता लेकर पहुंचे थे। उनका भी प्रबंधक संघ के अध्यक्ष सुरेश सोनी ने पैर धोया और तिलक लगाया। स्वागत से तेंदूपत्ता संग्राहक भी उत्साहित नजर आए। इस साल अभी तक तेंदूपत्ता की गुणवत्ता ठीक है। मौसम का मिजाज नहीं बिगड़ा तो तन ग्राहकों को इस साल ज्यादा लाभ होगा।

इन केंद्रों में शुरू हुई खरीदी

राजपुर समिति में 17 फडों पर 49 सौ सदस्यों से तेंदूपत्ता की खरीदी की जाएगी। गुरुवार को राजपुर समिति के बुढाबगीचा, कोटागहना, सेवारी, लाऊ, शिवडाड,नवापारा, ओकरा, अमदरी, डिगनगर, चरगढ़, चाची, ढकवा, बघिमा,पतरातू, बगाड़ी,सिंगचौरा में खरीदी का शुभारंभ किया गया है।