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4 साल की मासूम की दादा दादी की हाईकोर्ट से अपील… पिता की मृत्यु के बाद माता ने पुनर्विवाह की तो बच्चा कहां रहेगा..? पढ़ें पूरी खबर

बिलासपुर । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा

बिलासपुर (छत्तीसगढ़)! वर्तमान भारत !मामला जांजगीर-चांपा की डबरा थाना का रहने वाला उमाशंकर जोल्हे की विवाह सुमन जोल्हे से अप्रैल 2012 को हुई और दोनों का पुत्र हुआ !जिसका हर्ष नाम रखा गया! हर्ष की 3 साल पूरा होने के पश्चात पति-पत्नी में विवाद इतना बढ़ा कि वह दोनों अलग-अलग हो गए !

इस बीच उमाशंकर ने सुसाइड नोट लिख कर आत्महत्या कर लिया जिसकी वजह उसकी धर्मपत्नी और उसके परिवार को बताया !पत्नी के खिलाफ धारा 306 मामला दर्ज हुआ ,पर अदालत से पत्नी बाइज्जत बरी हो गई !पिता के मृत्यु के बाद बच्चा अपने दादा दादी के साथ रहने लगा !पति से अलग रह रही सुमन ने दूसरी शादी कर ली और उससे एक बच्चा भी है!

बिलासपुर हाईकोर्ट में 4 साल के मासूम के दादा दादी की अपील पर हाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने और ऐतिहासिक फैसला सुनाया! कोर्ट ने सुनाया की माता की दूसरी शादी से बच्चे की अभिरक्षा हासिल करने की इच्छा समाप्त हो सकती है! कोर्ट ने कहा कि बच्चा अपनी इच्छा के अनुसार दादा-दादी की के साथ में रह सकता है! फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ दादा दादी ने हाई कोर्ट में अपील की थी!

इधर सुमन ने परिवार न्यायालय में बच्चे की अभिरक्षा के लिए याचिका दायर की !जहां परिवार न्यायालय ने सुमन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बच्चे की अभिरक्षा उसे दे दी !परिवार न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए दादा दादी ने अधिवक्ता पराग कोटेचा के माध्यम से हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की !कोर्ट ने बच्चे की इच्छा पूछा जिसमें बच्चे ने कहा कि वह दादा-दादी लोगों के साथ रहना चाहता है !जस्टिस गौतम भादुड़ी ने बच्चे की इच्छा अनुसार परिवार न्यायालय के आदेश को निरस्त किया और साथ ही बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि मां की दूसरी शादी से बच्चे की अभिरक्षा प्राप्त करने की अभिलाषा समाप्त हो सकती है !बच्चा अपनी इच्छा के अनुसार दादा-दादी के रह सकता है.! ऐसा कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया.!