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ठगी:चेन्नई-बेंगलुरु के गिरोह ने आधा दर्जन लोगों से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर की13 लाख की ठगी

रायपुर । वर्तमान भारत ।

ओम प्रकाश वैष्णव ( विशेष संवादाता ) की रिपोर्ट

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने पर 300 दिन में तीन गुना पैसा देने का झांसा देकर राजधानी और उसके आसपास के दर्जनभर लोगों से 13 लाख की ठगी कर ली गई। ठगों ने लोगों को फोन कर लुभावने स्कीम बताए। उसके बाद चेन्नई का एयर टिकट भेजकर बुलाया। वहां आलीशान होटल में लोगों को ठहराया गया। उनका वर्कशॉप लिया गया। बड़े प्रोजेक्टर में कंपनी की स्कीम बताई गई। ठगो ने यह भी झांसा दिया कि उन्हें अपने नीचे लोगों को जोड़ना है, जो भी जितने लोगों को जोड़ेंगे। उन्हें उतना कमीशन मिलेगा।

ठगों के झांसे में आकर लोगों ने इसमें निवेश किया। एक साल बाद भी किसी को पैसा नहीं मिला है। उन्होंने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने ठगी का केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।पुलिस ने बताया कि भाठागांव निवासी रूपेश सोनकर कृषि केंद्र चलाता है। 11 फरवरी 2022 को उसे परिचित ने बताया कि चेन्नई में ट्रोन क्रिप्टो हेस पे कंपनी है, जो क्रिप्टो पर निवेश कराती है। इसमें तीन गुना पैसा और कमीशन मिलता है। रूपेश और उसके साथी झांसे में आ गए। कंपनी के एमडी बाबू साहब, सीएमडी इमरान खान से बातचीत की और चेन्नई के लिए फ्लाइट की टिकट भेजी। फरवरी में दर्जनभर लोग चेन्नई गए।

वहा मैनेजर जॉनसन और काजामिथीन मुनीराज से मुलाकात हुई। उन्होंने कंपनी के एमडी और सीएमडी से मिलाया। उसके बाद होटल में मीटिंग हुई। इसमें क्रिप्टो में निवेश के तरीका और फायदा बताया। कंपनी ने दावा किया था कि 300 दिन में निवेश किया गया पैसा तीन गुना हो जाएगा। कंपनी में लोगों को जोड़ना होगा। प्रति व्यक्ति मोटा कमीशन मिलेगा। इसके बाद सभी चेन्नई से वापस आ गए। इसके बाद रूपेश ने खुद के नाम से कंपनी में 3 लाख, भाई के नाम पर 4 लाख और रिश्तेदार के नाम पर पैसा निवेश किया और साथियों ने भी पैसा जमा किया। इस तरह से 13 लाख से ज्यादा रुपए कंपनी में निवेश किया। अपने से नीचे वर्ग के लोगों को भी इसमें जोड़ा गया।

घर-घर जाकर ठग के एजेंट कर रहे मीटिंग

पुलिस के अनुसार ठग गिरोह के सदस्य घर-घर जाकर मीटिंग करते हैं। पिछले साल बेंगलुरु से कुछ लोग आए थे, जो खुद को कंपनी का एजेंट बताते थे। उन्होंने निवेश करने वालों के घरों में जाकर मीटिंग ली। उन्हें मुनाफा के बारे में बताया। उन्हें अपना बैंक बैलेंस भी दिखाया कि बेंगलुरु में निवेश करने पर उन्हें करोड़ों रुपए मिला है। उन्होंने बंगला, गाड़ी तक खरीद लिया है। पूरी दुनिया क्रिप्टो पर पैसा लगा रही है। आरोपी ग्रामीण लोगों को ज्यादा फोकस कर रहे थे, जो आसानी से निवेश कर सके।

बिना दस्तावेज के निवेश, एप से किया जा रहा हवाला


दिल्ली की कंपनी ने छत्तीसगढ़- ओडिशा के 10 हजार लोगों से ठगी की है। उन्हें क्रिप्टो में निवेश का झांसा दिया है। आरोपी ने किसी तरह के दस्तावेज नहीं लिया है। ठग निवेशक से आधार कार्ड, पैनकार्ड या पासबुक नहीं मांगा जा रहा है। एप पर सिर्फ रजिस्ट्रेशन कर ट्रांजेक्शन किया जा रहा है। इसमें किसी तरह का बॉन्ड या दस्तावेज भी नहीं दिया जा रहा है। देश में इस तरह के कई गिरोह काम कर रहे हैं।

क्राउड फंडिंग कर पैसा एजेंट और डायरेक्टर्स के खाते में


पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने एप के माध्यम से निवेश कराया है। इसमें अलग-अलग एप्लीकेशन का उपयोग किया गया है। बैंक खाते से पैसा एक्सचेंजर में ट्रांसफर किया जाता है। वहां से पैसा कन्वर्ट होकर टोकन पॉकेट एप में ट्रांसफर किया गया। वहां से पैसा ट्रोन क्रिप्टो एप में ट्रांसफर हुआ। आरोपियों ने फिर उससे क्रिप्टो खरीदने का दावा किया। यह एप में दिखाई भी दे रहा है, लेकिन उसे निकाल नहीं पा रहे हैं। क्योंकि ठगों की यहां तक की प्रक्रिया सही है। उसके बाद पैसों का खेल शुरू होता है।

उन पैसों से ब्लॉकचैन में स्लॉट खरीदते हैं। इसी से पैसा ठगों के पास जाता है। इसमें 3X और 4X होता है। एजेंट को जब खुद पैसा लेना होता है स्लॉट 3X में जमा कराते हैं। मुख्य एजेंट और डायरेक्टर को पैसा पहुंचाने के लिए 4X में जमा कराते हैं। ठग लोगों को गुमराह कर उनका पैसा क्राउड फंडिंग में डाल देते हैं। विदेशी मुद्रा को रुपया में बदलकर निकालते हैं।