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छत्तीसगढ़ कंवर यूथ क्लब के तत्वाधान में 15-16 अप्रैल कंवरान कार्यशाला एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन का समापन…देशभर के 400 से अधिक लोगों ने लिया हिस्सा… युवक-युवतियों ने जाना समाज का इतिहास,गोत्र और परंपरा…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

बिलासपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। प्रदेश के बिलासपुर में छत्तीसगढ़ कंवर यूथ क्लब के द्वारा आयोजित 2 दिनों की कंवरान कार्यशाला एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम त्रिवेणी सामुदायिक भवन व्यापार विहार में आयोजित किया गया था। इस कार्यशाला में युवक-युवतियों का गेम (चिट-पट)के अंदाज में जान परिचय कराया गया।

100 युवक-युवतियों द्वारा अपना परिचय कार्ड लिखा गया। 100 युवक-युवतियों की परिचय कार्ड को मिक्स कर दिया गया। इसके पश्चात पर्ची निकाली गई। इसमें युवकों ने युवतियों का परिचय कार्ड उठाया। इसके पश्चात युवतियों के परिचय कार्ड को पढ़ा। जिस युवती का परिचय कार्ड निकलता था। वह खड़ी हो जाती थी, फिर अपने बारे में सारी जान परिचय और सारी जानकारी प्रस्तुत करती।

इसी कड़ी में युवतियों ने भी युवकों का परिचय कार्ड पढ़ा। इस कार्यशाला में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए गूगल फार्म भी जारी किया गया था। इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों के अलावा छत्तीसगढ़ के बाहर के अन्य राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, झारखंड से भी सामाज की युवतियों ने ऑनलाइन पंजीयन 500 से अधिक लोगों ने कराया। 400 से ऊपर युवक-युवतियों ने इस कार्यशाला में अपनी उपस्थिति दर्ज की। सभी युवक-युवतियों को प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

समाज के युवाओं को जानकारी प्राप्त हुआ, समाज का इतिहास और गोत्र तथा समाज की परंपरा

कंवर यूथ क्लब के संयोजक सविता साय ने बताया कि कंवरान कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य समाज की समस्त युवक-युवतियों को आदिवासियों का जीवन दर्शन के अंतर्गत कंवर समाज की उत्पत्ति एवं इतिहास, गोत्र व्यवस्था, विवाह व्यवस्था, कानून प्रावधान, भ्रम, तथ्य, संगठन के अंतर्गत लोकतंत्र सहित अन्य जानकारी भी दी गई।

आगे उन्होंने कहा कि इस आधुनिक युग में समाज के लोग अपनी संस्कृति तथा परंपरा को भूलते जा रहे हैं। जन्म, विवाह, मृत्यु, संस्कार तक में तब्दीली आती जा रही है‌। इसलिए कार्यशाला में खासकर युवाओं को बताया गया कि उनकी संस्कृति क्या है। जिसे बचा कर रखने की सख्त जरूरत है। आगे बताया गया कि “गोदना ” भी हमारी एक संस्कृति और परंपरा थी। पर हम उसे भूल जा रहे हैं। और अन्य लोग इसे अपना लिए हैं।

इस युवक-युवती परिचय कार्यशाला में समाज के विशिष्ट सहयोगी जितेंद्र चंद्रवंशी, सत्यनारायण पैंकरा, हेमंत कुमार पैंकरा, सतलोक साय, संदीप कुमार पैंकरा, दीपिका सिंह, इंदिरा चंद्रवंशी, पूनम पैंकरा, दूरेश साय, सत्य प्रकाश पैंकरा, मीनू नारायण कंवर, दिलीप सिंह पैंकरा, मेघराज कपूर, रामसेवक पैंकरा, शिव शंकर पैंकरा सहित समाज को प्रोत्साहन करने वाले अन्य दूर-दूर के समाज सेवक भी मौजूद रहे।