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रायगढ़ के धर्मजयगढ़ वन मंडल में हाथी शावक की मौत…सिर में चोट लगने के निशान…पीएम के बाद कफन-दफन…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

रायगढ़ (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत। प्रदेश के रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ वनमंडल के पुंरूगा बीट में फिर एक हाथी शावक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि हाथियों की आपसी युद्ध में शावक के सिर में चोट लगने से उसकी बैठे-बैठे ही प्राकृतिक मौत हो गई।

बता दें, कि कम से कम 2 से 3 दिन पश्चात हाथी शावक की लाश बरामद की गई है। हाथी शावक की उम्र तकरीबन 1 से डेढ़ साल ही थी। जिसका पोस्टमार्टम के पश्चात कफन- दफन कर दिया गया।

हाथियों का कब्रगाह में तब्दील हो चुके धर्मजयगढ़ वन मंडल में फिर एक हाथी शावक की मौत हो गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पूरूंगा एवं जामपाली बीट के जंगल में 16 हाथियों का एक समूह विचरण कर रहा था। जिसमें शावक भी शामिल थे। इसी समूह में विचरण कर रहे शावक की प्राकृतिक तरीके से बैठे-बैठे ही जान चली गई। बताया जा रहा है कि हाथियों के दल में आपस में युद्ध हुई होगी। जिसमें शावक के सिर में चोट लगने से उसकी जान चली गई।

बता दें, कि विभागीय अमला को इसकी जानकारी लगने पर तत्काल डीएफओ सहित वन अमला मौके पर पहुंचकर मामले की विवेचना की। जहां किसी भी प्रकार से इलेक्ट्रिक फेंसिंग के निशान नहीं मिले। इन दिनों हाथियों की सुरक्षा को लेकर छाल वन परीक्षेत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आह्वान पर जन जागरूकता व हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में छाल वन परिक्षेत्र में ही हाथी के शावक की मौत हो गया है।

जानकारी के अनुसार छाल वन परीक्षेत्र में अब तक 26 हाथियों की जान जा चुकी है। जिसमें यह 27वां हाथी है। इसमें अधिकांश हाथियों की मौत इलेक्ट्रिक फेसिंग से होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा इकलौते छाल वन परीक्षेत्र में 53 ग्रामीणों को हाथीयों ने मौत के घाट उतार चुके है।