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केंद्र सरकार के ढाई लाख देने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ वाले को नहीं हो रहा प्यार…महती योजना, इंटरकास्ट मैरिज का नहीं ले रहे लाभ…जाने अब तक की आंकड़ा…पढ़ें पूरी खबर



रायपुर :- छत्तीसगढ़ में प्यार परवान नहीं चढ़ रहा. खास बात यह है कि केंद्र सरकार के प्रोत्साहन के बाद भी लोगों को प्यार नहीं हो रहा. जबकि, केंद्र सरकार इस बात के लिए बाकायदा लाखों रुपये दे रही है।

दरअसल, इसके बावजूद लोग इसमें कुछ खास रुचि नहीं दिखा रहे. दरअसल, छत्तीसगढ़ में इंटरकास्ट मैरिज की संख्या काफी कम है. यहां लोग केंद्र सरकार की महती योजना का ज्यादा लाभ नहीं ले रहे. इस योजना के तहत इंटरकास्ट मैरिज करने वालों को प्रोत्साहन के रूप में ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं।

फिलहाल, इस योजना में कोई भी सामान्य श्रेणी का व्यक्ति अगर किसी अनुसूचित जाति वर्ग से शादी करता है तो उसे परीक्षण के बाद ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं. शख्स को पहली किश्त एक लाख रुपये के रूप में दी जाती है. उसके बाद डेढ़ लाख रुपये तीन साल में एफडी के रूप में दिए जाते हैं. आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त विजय सिंह ने बताया कि रायपुर जिले में साल 2019 से लेकर अब तक 451 इंटरकास्ट मैरिज हुई हैं. उन्हें इस योजना की प्रोत्साहन राशि दी गई।

यह है अब तक का आंकड़ा

साल 2021 में 132 इंटरकास्ट मैरिज हुईं. इसके लिए सरकार ने 3 करोड़ 30 लाख रुपये का भुगतान किया. साल 2022 में 149 इंटरकास्ट मैरिज हुईं. इसके लिए सरकार ने 3 करोड़ 72 लाख रुपये दिए. साल 2023 में 65 लोगों ने इंटरकास्ट मैरिज की. उन्हें 1 करोड़ 62 लाख रुपये का भुगतान हुआ. जबकि, 58 केस अभी पेंडिंग हैं. उन्होंने बताया कि साल 2019 में 291 विवाह हुए, 2020 में 747 और 2021 में 930 विवाह पंजीयन हुए हैं. इसके लिए 9 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि स्वीकृति भी हुई है।

क्यों शुरू की गई योजना

भारत देश में एक वक्त ऐसा था जब छुआछूत का बोलबाला था. इसे लेकर अपृश्यता कानून भी बनाया गया और छुआछूत जाति प्रथा को समाप्त करने के लिए इस योजना का संचालन किया गया. इसमें कोई भी एससी वर्ग का व्यक्ति, महिला, पुरुष किसी सामान्य वर्ग के स्त्री या पुरुष से इंटरकास्ट मैरिज करता है तो उसे इस योजना का लाभ दिया जाता है. उसे बतौर प्रोत्साहन ढाई लाख रुपए की राशि आरटीजीएस के माध्यम से दी जाती है।

कैसे होगा आवेदन

कोई इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसे 1 साल के भीतर अपने मैरिज सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों के साथ आदिवासी विकास विभाग में आवेदन करना होगा. शादी कहीं भी हो मगर एससी वर्ग के व्यक्ति को या लाभार्थी को अपने मूल निवास स्थान पर ही आवेदन देना होगा, तभी योजना का लाभ मिल पाएगा।