Popular NewsTrending Newsछत्तीसगढ़जानकारी

ओह, पुरुषों में भी उत्साह.! पुरुष ने भरा महतारी वंदन योजना का फॉर्म…शख्स ने कहा- ‘घर में महिला नहीं, मुझे मिले लाभ’..पढ़ें पूरी खबर



छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना को लेकर महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी काफी उत्साह है। इधर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में तो एक पुरुष ने ही महतारी वंदन योजना का फॉर्म भर दिया। उसने न केवल फॉर्म भरा, बल्कि उसे लेने के लिए कर्मचारियों को भी बाध्य कर दिया।

हालांकि उसका फॉर्म अधिकारियों ने रिजेक्ट कर दिया है। इस बात से तिलोरा गांव का रहने वाला कलम सिंह कंवर काफी निराश है। उसका कहना है कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए कि जिनके घर में महिला नहीं है, वो इस योजना का फायदा कैसे लेंगे? बता दें कि महतारी वंदन योजना के तहत 21 साल या इससे ऊपर की विवाहित, तलाकशुदा, परित्यक्ता, विधवा महिलाओं को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए मिलेंगे।

जानकारी के मुताबिक, पेंड्रा में जब अधिकारी-कर्मचारी महतारी वंदन योजना का फॉर्म भरवा रहे थे, उन्होंने एक पुरुष का भी आवेदन देखा। ये देखकर वो चौंक गए। फॉर्म पर तिलोरा गांव के रहने वाले कलम सिंह का नाम लिखा हुआ था। उसे काफी समझाया गया कि उसका ये फॉर्म नहीं लिया जा सकता, क्योंकि ये योजना सिर्फ 21 साल और उससे ऊपर की महिलाओं के लिए है।

फिलहाल , कलम सिंह आवेदन जमा करने पर अड़ गया। उसकी जिद के आगे स्थानीय कर्मचारियों को आवेदन लेना पड़ा। कमल सिंह का दावा है कि उसके घर में कोई महिला नहीं है और परिवार का मुखिया वही है। राशन कार्ड भी उसी के नाम पर है। उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है।

उसका कहना है कि उसे महतारी वंदन योजना का लाभ मिलना चाहिए। कलम सिंह का ये भी दावा है कि अगर घर में कोई महिला होती, तो उसे इस योजना का लाभ मिलता ही। अधिकारी पता नहीं क्यों मेरी मांग को किनारे कर रहे हैं, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए।



इधर व्यक्ति के आवेदन को सॉफ्टवेयर ने एक्सेप्ट नहीं किया और अधिकारियों ने भी इसे सिरे से खारिज कर दिया। पेंड्रा जनपद पंचायत सीईओ डॉ संजय शर्मा का कहना है कि इस योजना के नियमों के तहत आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया है। हमारे जनपद पंचायत क्षेत्र में 26 हजार आवेदन आए थे, जिसमें से 20 हजार आवेदन ही स्वीकृत हुए हैं।

उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना का लाभ लेने में पुरुषों की दिलचस्पी अब उनके लिए चिंता का विषय बन गई है। इधर कई जगहों पर कुछ गलतियां या अपात्र होने की स्थिति में आवेदन नहीं लेने पर गांववालों के साथ नोकझोंक की स्थिति भी बन रही है।