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29 फरवरी का इतिहास : 4 साल में सिर्फ एक बार आता है ये खास दिन…कहते हैं लीप ईयर…जाने आज के दिन की क्या है खास…पढ़ें आज की इतिहास


History of 29 February :- इतिहास में 29 फरवरी के दिन की बात करें तो ये एक ऐसा खास दिन है जो 4 साल में एक बार ही आ पाता है. दरअसल इसकी भी एक वजह है. पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365.25 दिन लगते हैं. अब एक चौथाई दिन यानी छह घंटे का दिन तो हो नहीं सकता इसलिए चार साल के छह छह घंटों को जोड़कर 24 घंटे का एक दिन फरवरी के महीने में जोड़ दिया जाता है. जिस साल में फरवरी 29 दिन की होती है उसे लीप ईयर (leap year) कहा जाता है.

इतिहास के दूसरे अंश में बात पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की करेंगे. आज उनकी जयंती है. 29 फरवरी साल 1896 में गुजरात के भदेल गांव में  उनका जन्म हुआ था. मोरारजी देसाई ने 1977 से 1979 तक भारत के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. वह ऐसे प्रधानमंत्री बने जिन्होंने देश की पहली गैर कांग्रेसी सरकार (first non congress government) का नेतृत्व किया था. कांग्रेस में रहते हुए वैचारिक मतभेद के कारण उन्होंने इंदिरा गांधी को ‘गूंगी गुड़िया’ तक कह दिया था. मोरारजी समाजवाद और गांधी की विचारधारा मानाने वाले व्यक्ति थी. उनका मैंने था कि जब तक गांवों और कस्बों में रहने वाले गरीब लोग सामान्य जीवन जीने में सक्षम नहीं है, तब तक समाजवाद का कोई मतलब नहीं है।

इतिहास के तीसरे अंश में बात एक रोचक तथ्य की करेंगे. आपको जानकर हैरानी होगी की पैदल चलने वाले लोगों के लिए आज ही के दिन सड़क पार करने के जरूरी दिशानिर्देशों की शुरुआत हुई थी. वो साल था 1952…जब पैदल चलने वालों के लिए सड़क पार करने संबंधी निर्देश पहली बार टाइम्स स्क्वेयर के 44वीं स्ट्रीट और ब्रॉडवे में लगाए गए थे.

देश-दुनिया में 29 फ़रवरी का इतिहास

1796: अमेरिका के राष्ट्रपति ने जे की संधि के कार्यान्वयन की घोषणा की, जिससे ब्रिटेन के साथ उनके कुछ पुराने विवादों का अंत हुआ.

1904: भरतनाट्यम की मशहूर नृत्यांगना रूक्मणी देवी अरूंडेल का जन्मदिन.

1952: पैदल चलने वालों के लिए सड़क पार करने संबंधी निर्देश पहली बार टाइम्स स्क्वेयर के 44वीं स्ट्रीट और ब्रॉडवे में लगाए गए.

2008: विदेशी मीडिया में प्रिंस हैरी की अफगानिस्तान में तैनाती की खबर लीक होने के बाद ब्रिटिश सेना ने उन्हें तत्काल वहां से वापस बुलाने का फैसला किया.