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कर्नल मिताली मधुमिता को सैनिक स्कूल का कमान काबुल में 19 लोगों की जान बचाई थीं………

वर्तमान भारत

इरफान सिद्धकी उप संपादक


अंबिकापुर. कर्नल मिताली मधुमिता, सेना मेडल ने सैनिक स्कूल अम्बिकापुर की नई प्राचार्य का पदभार 27 अक्टूबर 2021 से संभाल लिया। पूर्व प्राचार्य कर्नल जितेन्द्र डोगरा का स्थानांतरण हो गया। कर्नल मिताली मधुमिता सेना मेडल वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाली भारतीय थलसेना की पहली और एकमात्र महिला अधिकारी हैं।अपने 21 वर्ष लम्बे सफल सेवा काल में उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू कश्मीर तथा भारतीय थलसेना की ओर से विदेशों में नियुक्ति के दौरान महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं।
कर्नल मिताली मधुमिता को अनेक प्रतिष्ठित रक्षा संस्थानों में अंग्रेजी भाषा के प्रशिक्षक के रुप में लंबा अनुभव प्राप्त है। कर्नल मिताली मधुमिता सेना मेडल, की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि उनकी अफगानिस्तान में तैनाती के दौरान आई, जब उन्होंने 26 फरवरी 2010 को काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए आतंकी हमले के समय अनुकरणीय साहस और वीरता का परिचय देते हुए 7 भारतीय नागरिकों सहित 19 लोगों की जान बचाई।
इस अदम्य साहस और अनुकरणीय कर्तव्य पालन के लिए उन्हें 2011 में सेना मेडल से सम्मानित किया गया। सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में प्राचार्य का पदभार संभालने से पूर्व कर्नल मिताली मधुमिता सैनिक स्कूल नगरोटा (जम्मू) में उप प्राचार्य के पद पर रह चुकीं हैं। वे सैनिक स्कूल अम्बिकापुर के प्राचार्य का पदभार संभालने वाली प्रथम महिला अधिकारी हैं।
कैडेटों का सर्वांगीण विकास पहली प्राथमिकता
कर्नल मिताली मधुमिता ने बताया कि कैडेटों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, उनका सर्वांगीण विकास एवं कैडेटों का राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश उनकी प्रथम वरीयता होगी। उन्होंने कैडेटों से अपेक्षा की कि वे अपने कार्यों से अपने विद्यालय तथा छत्तीसगढ़ राज्य का नाम रोशन करेंगे।उन्होंने संकल्प व्यक्त किया कि यह सैनिक स्कूल अंबिकापुर नगर को स्वच्छ रखने में अपना संपूर्ण योगदान करेगा और छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित होने के कारण यहां की संस्कृति, परंपराओं और आदिवासी विकास के लिए अपना सतत योगदान देता रहेगा।