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गृह क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही स्वास्थ्य मंत्री की प्रशासनिक क्षमता पर प्रश्न चिन्ह – अनुराग सिंह देव

अंबिकापुर । वर्तमान भारत ।

घटना की उच्च स्तरीय जांच सहित पीड़ित परिवार को ५ लाख मुआवजा देने की मांग

अमदाला गांव के ईश्वरदास द्वारा अपनी मृतक बेटी सुरेखा का शव अपने कंधे पर ढोकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर से अपने गृह ग्राम अंधला तक १० किलोमीटर पैदल ले जाने के भयावह दृश्य ने मानवीयता के सारे मानकों को तार-तार करके रख दिया ! ऐसा मंजर बेहद हृदय विदारक,मन को झकझोर देने वाला व भारी पीड़ादायक था ! स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही,चरमराती स्वास्थ व्यवस्था,स्वास्थ्य विभाग के निकम्मेपन व पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों की निर्लज्जता को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है ! एक तरफ स्वास्थ विभाग स्वास्थ्य अमला एवं छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ऐसी घटनाओं में उदासीनता उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है तो वही समाज के लिए भी है यह विचारणीय है कि ऐसी परिस्थिति में जब कोई व्यक्ति इस प्रकार बच्चे का शव कंधे पर ढोकर पैदल जा रहा हो तो उस समय भी कोई परिजन ग्रामीण,राहगीर सहयोगी नहीं बनता जो बेहद चिंता का कारण लगता है !

मृतक बालिका की मृत्यु इंजेक्शन लगाने के बाद किन कारणों से हुई साथ ही यदि मृत्यु संदेहास्पद थी तो उसका पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए इस अक्षम्य लापरवाही के लिए बीएमओ के साथ-साथ सीएमओ को भी निलंबित करने की मांग की है और उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल में यदि शववाहन उपलब्ध उपलब्ध था तो ईश्वरदास को अपनी बेटी के शव के साथ १० किलोमीटर तक अकेले पैदल क्यों जूझना पड़ा ! प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि जिम्मेदार व्यक्ति व दोषी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ तत्काल एफ आई आर दर्ज की जानी चाहिए साथ ही साथ ही मृतका के परिजनों को ₹500000 मुआवजा शासन द्वारा तत्काल दिए जाने की मांग की ! स्वास्थ्य विभाग के इस नारकीय हालात के लिए स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में स्वास्थ्य मंत्री जनता के प्रति अपना कर्तव्य भूल गए हैं जिसके चलते सरगुजा ही नहीं अपितु पुरे प्रदेश की जनता बद्तर स्वास्थ्य व्यवस्था का अभिशाप भोगने के लिए बाध्य है !