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छत्तीसगढ़ में पोषण ट्रैकर एप का विरोध कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता…जानिए क्या है वजह…

रायपुर । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

राज्य की महिला एवं बाल विकास विभाग में “सही पोषण देश रोशन” के तहत पोषण ट्रैकर एप तैयार किया है !इस ऐप के जरिए नवजात से लेकर 6 साल तक के बच्चों,गर्भवती महिलाओं को,दूध पिलाने वाली माताओं का सारा डाटा अपलोड करना है !यह सारा काम आंगनबाड़ी केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए किया जाना है !लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की ओर से मोबाइल नहीं दिए जाने और तकनीकी दिक्कतों के कारण इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं !अब आलम यह है कि छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर एप में जानकारियां भी नहीं कर पा रही हैं !

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता पाठक का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर एप का विरोध कर रहे हैं! क्योंकि हमारे पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा नहीं है !इंटरनेट के लिए सरकार ने ₹500 खाते में डालने की बात कही है !बहुत से ऐसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं जिनके पास मोबाइल ही नहीं है !जिसके पास मोबाइल है !उन्हें कई दिक्कतें हो रही है!

सरिता पाठक का यह भी कहना है कि हम अपने पर्सनल मोबाइल पर एप्लीकेशन को डाउनलोड करके काम करते हैं !कई बार मोबाइल हैंग हो जाता है! सरकार से मांग कर रहे हैं कि हमें मोबाइल सुविधा दें !इंटरनेट का खर्च दें !उसके बाद हम काम करने के लिए तैयार हैं !जब तक सरकार मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं कराती !तब तक हम पोषण ट्रैकर एप से काम नहीं करेंगे !इस मामले को हमने हाई कोर्ट में भी लगाया था !इसके बाद हाईकोर्ट ने भी यह बात कही है कि जब तक मोबाइल की सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जाती !तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैकर एप से काम नहीं कराया जाए !

पोषण ट्रैकर एप पर अपलोड नहीं हो रही जानकारी

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेणु गजभिए का कहना है कि सरकार से हमें जो मोबाइल मिला था !वह खराब हो गया है !बहुत सी ऐसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है! जिनके घर में भी मोबाइल है तो वह उनके बच्चों के पास है !₹500 इंटरनेट डाटा के लिए देने की बात कही जाती है !हम बच्चों का वजन सारी जानकारी लेते हैं! लेकिन उसका डाटा पोषण ट्रैकर एप पर अपलोड नहीं करते हैं!

क्या है पोषण ट्रैकर ऐप

पोषक ट्रैकर एप्लीकेशन का उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्र और आंगनबाड़ी कर्मचारियों की गतिविधियों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं,स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों का डाटा एकत्र करना है.! इसके साथ ही विभागों तक संपूर्ण डाटा भेजना है !ताकि महिलाओं और बच्चों के डाटा को एप्लीकेशन पर अपलोड कर कुपोषण जैसी गंभीर बीमारियों की मैपिंग की जा सके !इसके साथ ही कागजी काम को कम किया जा सके.!