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छत्तीसगढ़ समाचार :गर्मी की छुट्टियों में पिकनिक की है प्लानिंग तो सूरजपुर की यह जगह है खास… पत्थरों के बीच से बहती है हसदेव नदी…

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

सूरजपुर (छत्तीसगढ़ )!वर्तमान भारत !छत्तीसगढ़ में सर्दी का मौसम समाप्त हो गया है !अप्रैल महीने से बच्चों के स्कूल भी बंद हो जाएंगे !ऐसे में हर पेरेंट्स परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टी पर सैर सपाटा करना चाहता है! लेकिन कहां घूमें,और कहां पिकनिक पर जाएं ?इसके लिए हर कोई प्लानिंग करता है !आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां की अपने आप में अलग पहचान है !एक दम प्रकृति के बीच हरे भरे पेड़, पहाड़ और नदियों के बीच अपनों के संग समय बिताने का अलग अंदाज है !

दरअसल छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में पत्थरों का विशाल समूह फैला हुआ है !इस पत्थर के बीच से नदी का पानी बहता है जिसकी कल-कल आवाज अत्यंत मनमोहक सुनाई देती है !इसके साथ ही नदी का छोटा स्वरूप देखने को मिलता है !

पत्थरों के बीच से बहती है यह नदी

दरअसल सूरजपुर जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर प्रेम नगर ब्लॉक में सारसताल नाम का एक गांव बसा है !इस गांव में एक ऐसी जगह है जिसे भांडीडांड़ के नाम से जाना जाता है !इस जगह पर पत्थरों का विशाल समूह है !जिसकी गिनती की जाए तो करोडो़ से कम नहीं होगा !इन पत्थरों के बीच से हसदेव नदी बहती है !इस जगह की खासियत यह है कि पत्थरों के बीच-बीच में कई जगह प्लेन है! जहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं !यही नहीं पत्थरों के बीच बीच में हरे भरे काफी संख्या में पेड़ भी है !जो वहां घूमने जाने वाले लोगों को छाया प्रदान करते हैं !यह जगह लोगों में काफी लोकप्रिय है!

दो जिलों का बॉर्डर है खास

सूरजपुर की इन खूबसूरत वादियों के प्रसिद्ध होने की एक और वजह है !दरअसल इस पिकनिक स्पॉट के करीब में ही 2 जिलों का बॉर्डर है !उत्तर दिशा की ओर कोरबा और पश्चिम की ओर कोरिया जिले का बॉर्डर है! ढलती शाम की वक्त इस जगह की खूबसूरती और बढ़ जाती है! सूर्य की हल्की किरणें और नदी की आवाज मन को प्रफुल्लित कर देती है !

जनवरी-फरवरी में होती है भीड़

इस जगह पर नए साल के मौके पर जनवरी-फरवरी के महीनों में काफी भीड़ रहती है !लोग नया साल सेलिब्रेट करने इस जगह पर पहुंचते हैं !इस समय प्रकृति सौंदर्य भी पूरे शबाब पर रहता है! चारों तरफ हरे भरे पेड़ ,पौधे, पहाड़ लोगों के मन को प्रसन्न करती है !इस जगह को लोग इसलिए ज्यादा पसंद करते हैं! क्योंकि यहां पत्थरों के बीच से नदी का पानी बहता है !

यहां कैसे पहुंचे

यह जगह अंबिकापुर से 90 किलोमीटर दूर है !जबकि सूरजपुर जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूरी पर है! यहां जाने के लिए बस, कार और बाइक का उपयोग किया जा सकता है !यहां रेलवे या हवाई सुविधा उपलब्ध नहीं है !यहां पहुंचने के बाद छांव के साथ पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह है..!