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तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने फिर दी आंदोलन की चेतावनी

जशपुर । वर्तमान भारत ।

रोहित कुमार

जशपुरनगर(वर्तमान भारत न्यूज)। प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 17 मई से फिर से सामूहिक अवकाश में जाने की चेतावनी दी है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले संयुक्त कलेक्टर सचिन भूतड़ा को सौपे गए ज्ञापन में संघ ने तहसील कार्यालयो में मानव संसाधन की कमी और न्यायालयीन कार्यो के अतिरिक्त किए जाने वाले राजस्व,प्रशासनिक और वीआईपी ड्यूटी का हवाला देते हुए,समय सीमा में राजस्व प्रकरणों के निबटारे में आ रही कठिनाई से शासन प्रशासन को अवगत कराया है। संघ का कहना है कि राजस्व प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने के लिए इन दिनों लगातार समीक्षा की जा रही है। समीक्षा बैठकों में निराकृत और लंबित प्रकरणों की जानकारी मांगी जाती है। राजस्व प्रकरणों का आनलाइन निराकरण किया जाना है,लेकिन प्रदेश के अधिकांश तहसील कार्यालयों में न तो कंप्यूटर आपरेटर हैं और न ही इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था। तहसीलदार को स्वयं ही ये कार्य करने होते हैं। ऊपर से विभिन्ना मुआवजा प्रकरण के साथ वीआईपी के आगमन पर सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्था भी देखना होता है। प्रदेश सरकार द्वारा पांच दिन का शासकीय कार्य दिवस घोषित किए जाने से अवकाश के दिन में काम करने के लिए कार्यालय के सहायक राजी नहीं होते हैं। ऐसे में समय सीमा में प्रकरणों का निराकरण करने में व्यवहारिक कठिनाई आ रही है। ज्ञापन में प्रदेश के कई जिलों में सहायक अधीक्षकों को तहसीलदार व नायब तहसीलदार का प्रभार दे दिया गया है। इस पर रोक लगाया जाए। राजस्व प्रकरणों की समीक्षा के लिए माह में एक दिन निर्धारित किया जाए। नामांतरण प्रकरणों में गड़बड़ी के मामलों में पीठासीन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई न किया जाए। वेतन विसंगति दूर करने के साथ ही निर्वाचन भत्ता और सुरक्षा व्यवस्था की पूर्व की मांग को पूरा किया जाए। मांग पूर्ण न होने की स्थिति में सामूहिक अवकाश में जाने की चेतावनी दी गई है।