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औद्योगिकीकरण का विरोध अपरिपक्वता — राजेश सिंह सिसोदिया

अंबिकापुर । वर्तमान भारत ।

इरफान सिद्दीकी

अंबिकापुर। नंगे पांव सत्याग्रह ने सरगुजा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में कोल उत्खनन-औद्योगिकीकरण के विरोध को अपरिपक्व व अव्यवहारिक बताते हुए इन सब को समय तथा लोकतंत्र की जरूरत बताया है। सामाजिक संवाद माध्यमों (शोशल मीडिया) में #Save_Hasdeo की ट्रैंडिग (जोर पकड़ना) आधुनिकीकरण की आत्मा के सर्वथा विपरीत है। आधुनिकीकरण लोकतंत्र की महती जरूरत है, जिसके लिए सर्वांगीण बदलाव अतिआवश्यक है।
कोल ब्लॉक से जीवन-शैली, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक बदलाव आएंगे, इन बदलावों का परिणाम आधुनिकता होगा। हर सदी में बड़े-बड़े बदलाव आए हैं जो हमें आधुनिकता की तरफ ले गए हैं। १८ वीं सदी में दुनिया के कुछ कोनों में क्रांतियां हुईं, जिनका रास्ता आधुनिकता और सशक्त लोकतंत्र की तरफ गया। बीसवीं सदी में रुसी व चीनी क्रांतियां भी सामंतवाद से समाजवाद के रूप में बड़ा बदलाव साबित हुईं, ठीक उसी तरह २१ वीं सदी में औद्योगिक क्रांति भी हमें यह आधुनिकता तथा सशक्त लोकतंत्र की तरफ ले जाएगा।
लोकतंत्र की महती जरूरत “आधुनिकीकरण” से छत्तीसगढ़ के गांव आज भी अछूते हैं, पंचायतें व पंचायती राज संस्थाएं अपर्याप्त आधुनिकीकरण के कारण ही शहरों व शहरी संस्थाओं से पिछड़ी हुई हैं।
नंगे पांव सत्याग्रह ने वैज्ञानिक मानसिकता को प्राथमिकता देने की अपील की है।