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भेंट मुलाकात कार्यक्रम मे पूरे जिले के दूर दूर से लोग अपनी समस्या बताने व उसके निराकरण के उद्देश्य से लेकिन नम्बर ही नहीं आया

रायगढ़ । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट

माननीय मुख्यमंत्री के नाम पाती ….

माननीय मुख्यमंत्री महोदय रायगढ जिले मे आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम मे पूरे जिले के दूर दूर से लोग अपनी समस्या बताने व उसके निराकरण के उद्देश्य से आपसे बात करने पहुंचे थे किन्तु दुर्भाग्य है कि लोग अपनी बारी का इन्तजार करते रह गये और उनका नम्बर तक नही आया। आप कुछ गिने चुने लोगों से ही बात किये और चले गए ! जिले की प्रमुख समस्याओं के बारे मे आपको अवगत कराना चाहता हूँ ..

1) रायगढ़ जिले की सड़के बद से बदत्तर हो गई है खासकर ढिमरापुर चौक से पूँजीपथरा ,घरघोड़ा , तमनार ,धरमजयगढ़ सबका बुरा हाल है , बड़े वाहनों के आवाजा ही के कारण घंटो जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है जिसके सम्बन्ध मे समय समय पर स्थानीय लोगों द्वारा ज्ञापन , रैली, धरना, चक्का जाम आन्दोलन करके अवगत कराने का प्रयास किया जाता रहा है।

2) रायगढ़ के लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं, बढ़ते उद्योगों व उनके द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण से आम आदमी परेशान है लेकिन निजात नही मिल पा रहा है। कई तरह की बीमारियों ने जन्म ले लिया है

3) रायगढ़ जिले मे 193 प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग हैं और वर्ष 2001 से 2021 तक 2 लाख 20 हजार 563 बेरोजगारों का पंजीयन हुआ है जबकि केवल 636 बेरोजगारों को रोजगार मिला है।

4) कई शासकीय स्कूल भवनों की स्थिति जर्जर व दयनीय हो गई है लेकिन इस दिशा मे भी कोई प्रयास नही हो रहा है।

5) बढ़ते उद्योगों के कारण जिले मे भारी वाहनों की संख्या बढ़ी है तथा यातायात पर दबाव बढ़ा है । सड़क हादसों की संख्या व मौतों की संख्या बढ़ी है l इन सड़कों मे न तो इन्सान सुरक्षित है न जानवर।

6) जिले मे लगातार अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है चोरी, डकैती, लूट , छेड़छाड़, हत्या आदि का ग्राफ बढ़ा है।

7) जीवन दायिनी केलो प्रदूषित हो गई है l यत्र तत्र उद्योगों से निकलने वाले राखड़ को डम्प किया जा रहा है जिसकी कई बार शिकायतें भी जागरुक लोगों द्वारा की गई है तथा लगातार सोशल मीडिया पोस्ट किया जाता रहा है।

8) छोटे मोटे शासकीय कामों के लिये लोग शासकीय दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं l  

9) रायगढ मेडिकल कॉलेज में सी टी स्केन मशीन तक की व्यवस्था नही है लोगों को इसके लिये मोटी रकम निजी सेन्टरों मे चुकानी पड़ती है।