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पत्थलगांव समाचार :कोकियाखार के इन मुहल्लों का संपर्क टूटा…आने जाने की टेंम्प्रोरी पुलिया बारिश की मार झेल न सकी…बह गया पानी की तेज बहाव में…विडियो…पढ़ें पूरी खबर

पत्थलगांव । वर्तमान भारत ।

गजाधर पैकरा

कोकियाखार/पत्थलगांव/जशपुर (छत्तीसगढ़) वर्तमान भारत ।जशपुर जिले की पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम कोकियाखार के इन तीन मुहल्लों का बारिश के कारण कहीं भी आने-जाने का संपर्क टूट गया है ।क्योंकि बीते 4/09/2022 रविवार की शाम की अचानक आई मूसलाधार बारिश की वजह से प्रभावित मोहल्ला की आम जनताओं द्वारा आने-जाने के लिए नाला,नदी पर काम चलाऊ पुलिया बनाया गया था ।कहीं पर लकड़ी की सीढ़ी नुमा पुलिया तो कहीं पर बोरी में मिट्टी भरकर आने जाने हेतु कामचलाऊ पुलिया बनाया गया था ।वह मूसलाधार वर्षा की मार झेल नहीं पाई और पानी की तेज बहाव में बह गया।

बारिश प्रभावित ग्राम कोकियाखार के मुहल्ला-:

बारोढोढ़ा -:


ग्राम कोकियाखार के मुहल्ला बारोढोढ़ा वासी आज गांव से या कहीं भी आ-जा नहीं सकते क्योंकि जो कामचलाऊ पुलिया बनाई गई थी ।उसे भी बारिश को रास नहीं आया और बहाकर ले गया ।इस कामचलाऊ पुलिया को बनाए हुए महज चार पांच दिन ही हो रहे थे ।जो बोरी में मिट्टी को भर भर कर बनाया गया था ।अब बारोढोढ़ा वासियों को कहीं भी आने-जाने की बड़ी समस्या है ।जिन पर समस्याओं का पहाड़ टूटता है ,वही लोग समस्या, कठिनाई को भलीभांति समझ सकते हैं।

डोंगा पारा -:


ग्राम पंचायत कोकियाखार के मोहल्ला डोंगा पारा जो इसी नाला -नदी जो बारोढोढ़ा मोहल्ला नाला -नदी के नीचे पड़ता है। वहां की हालत भी ऐसा ही है। वहां पर लकड़ी को सीढ़ी नुमा का रूप देकर कामचलाऊ आने जाने हेतु पुलिया का निर्माण किया गया था ।उस कामचलाऊ लकड़ी की पुलिया को भी पानी बहा ले गया ।उसी लकड़ी की कामचलाऊ पुलिया को बचाने के खातिर डोंगापारा निवासी बीती रात को पानी की तेज बहाव में कूद पड़े थे ।जो फोटो कैमरे में कैद हो गई है ।जो समस्या से गुजरते हैं, जो कठिनाइयों का सामना करते हैं ,वही समझ सकते हैं कि आखिर कठिनाई, समस्या क्या होती है।

बरखोरिया -:
ग्राम कोकियाखार मुहल्ला बरखोरिया की भी यही हालात है। यही नदी -नाला की सबसे नीचे पर मुहल्ला बरखोरिया पड़ता है ।यहां पर भी वही लकड़ी की सीढ़ी नुमा बनाकर पुलिया का रूप दिया गया था ।वह भी बारिश के हत्थे चढ़ गई। परेशानी आखिर परेशानी होती है । उसे परेशानी ग्रस्त व्यक्ति ही समझ सकता है।

बता दें कि यह कोकियाखार गांव रायगढ़ सांसद महोदया श्रीमती गोमती साय की जन्मभूमि (मायके) है ।और कोकियाखार ग्राम पंचायत की सरपंच भी उनके सगे परिवार (मायके) से हैं ।आज उनकी कार्यकाल में गांव की विकास नहीं होगा तो कब होगा? इन्हें तो आज हमारी कार्यकाल है ,कहके धड़ाधड़ विकास करना चाहिए। लेकिन कुछ भी विकास नहीं हो रहा है।

जब चुनाव का वक्त होता है तब बड़ी-बड़ी वादे करते हैं ।यह कर देंगे ।वह कर देंगे। फलाना कर देंगे ।ढीमका कर देंगे ।वहीं जब चुनाव में विजयी घोषित हो जाते हैं ,तो अपने वादों को भूल जाते हैं ।अपनी किए हुए वादे से मुंह फेर लेते हैं ।अपनी बातों से मुकर जाते हैं।

समस्या ,कठिनाई तो आम जनता को उठाना पड़ता है। ग्राम कोकियाखार में कहीं पर बिजली की खंभा (पोल) टूट कर जमीन पर गिरा पड़ा है ।तो कहीं नाली नहीं होने की वजह से बारिश की गंदे पानी ग्रामीणों की मकानों में प्रवेश कर रही हैं ,तो कहीं जल नल मिशन व्यवस्था बेढंग पड़ा हुआ है ।आखिर किसको सुनाया जाए। ताकि इन समस्याओं का समाधान हो सके।

ग्राम कोकियाखार के प्रभावित मुहल्ला वासियों का कहना है कि पंच से लेकर सरकारी अधिकारी -कर्मचारी ,नेता तक अपनी व्यक्तिगत लाभ या समस्या के लिए हड़ताल (Strike) कर सकते हैं या धरने पर बैठ सकते हैं तो हम प्रभावित मुहल्ला वासी सार्वजनिक पुलिया निर्माण हेतु हड़ताल (Strike) क्यों नहीं कर सकते या धरने पर क्यों नहीं बैठ सकते हैं ।अगर हमारी पुलिया निर्माण नहीं होती है तो बिल्कुल करेंगे। हड़ताल भी करेंगे और धरने पर भी बैठेंगे ।बरसों से यही सुनते आ रहे हैं की पुलिया बनेगा -बनेगा लेकिन आज तक पुलिया नहीं बन पाया है।