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Navratri 7th Day 2022 : आज है मां कालरात्रि की पूजा…दूर होगा काल का भय…पूजा विधि… मंत्र…जाने संपूर्ण जानकारी

वर्तमान भारत । धर्म ।

गजाधर पैकरा

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा मां कालरात्रि को समर्पित होता है। शक्ति के साधकों को देवी दुर्गा की साधना आराधना करने के लिए शारदीय नवरात्रि का पूरे वर्ष भर इंतजार रहता है ।क्योंकि इसकी 9 पावन दिनों में प्रत्येक दिन देवी के अलग-अलग 9 स्वरूपों की विशेष रूप से पूजा आराधना की जाती है ।

खास बात यह है कि देवी की प्रत्येक स्वरूप की पूजा करने पर साधक को अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। आज नवरात्रि के सातवें दिन काल के समान प्रचंड मां कालरात्रि की पूजा आराधना का दिन है ।मां कालरात्रि की पूजा कैसे करें और इनकी पूजा करने का क्या धार्मिक और ज्योतिष महत्व है आइए जानते हैं-:

मां कालरात्रि का स्वरूप

पौराणिक मान्यता के अनुसार मां कालरात्रि घनघोर अंधेरे के समान काला वर्ण लिए हुए हैं ।और उनके चेहरे पर तीन आंखें हैं ।बिखरे बालों को लिए माता ने एक हाथ में खड्ग और दूसरे में लोहे का कांटा लिया है।

जबकि तीसरा हाथ अभय मुद्रा में और चौथा वर मुद्रा में है ।मां कालरात्रि गर्दभ की सवारी करती है ।माता का भयंकर स्वरूप की साधना करने वाले साधक के जीवन में शत्रु कभी पास भी फटक नहीं पाते हैं।

मां कालरात्रि की पूजा

नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा के लिए प्रातः काल स्नान ध्यान करने के पश्चात एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां कालरात्रि की फोटो या फिर कालरात्रि यांत्र रखकर उसे गंगाजल से शुद्धीकरण करें और मां कालरात्रि की फोटो के सामने अखंड दीप जलाएं। इसके बाद पुष्प ,रोली ,अक्षत ,फल, भोग आदि चढ़ाकर उनकी पूजा करें।

मां कालरात्रि मंत्र

ऊं ऐं ह्नीं क्लीं चामुंण्डायै विचै ऊं कालरात्रि दैव्ये नमः

इस मंत्र का जप अवश्य करें सबसे अंत में मां की आरती करें और दूसरों को प्रसाद देने के साथ ही स्वयं भी ग्रहण करें।

मां कालरात्रि पूजा के लाभ

मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा करने पर माता की कृपा दृष्टि से भक्तों को अभीष्ट सिद्धियों की प्राप्ति और जीवन से जुड़े सभी शत्रु और भय का नाश होता है ।मां कालरात्रि की साधना करने वाले भक्तों का शत्रु कभी भी बाल बांका नहीं कर सकता है।

जिन लोगों को सदा अकाल मृत्यु का भय सताता रहता है ।वह मां कालरात्रि की साधना करने से दूर हो जाता है ।मां कालरात्रि की कृपादृष्टि से साधक की रोजी रोजगार में आ रहे सभी बाधाएं दूर होती है।

डिस्क्लेमर-:
यहां दी गई समस्त जानकारी सामान्य मान्यताओं एवं जानकारियों पर आधारित है. इसकी “वर्तमान भारत ” पुष्टि नहीं करता है।