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बिना गुमास्ता पंजीयन शहर में चल रहीं फाइनेंस लिमिटेड , न निगम और न ही श्रम विभाग दे रहा ध्यान

आशीष यादव की रिपोर्ट

रायगढ़ शहर में संचालित भारत इंक्लूजर फाइनेंस लिमिटेड बैंक षडंगी कॉलोनी सर्किट हाउस रोड मे पिछले 1 वर्षो से बिना गुमास्ता पंजीयन चल रही हैं। वर्तमान मे 15 श्रमिक कार्यरत थे जिसमे 3 काम छोड़ चुके है.
इस पर न तो निगम का ध्यान है और न ही श्रम विभाग को मतलब है। इसके चलते निगम को जहां नुकसान हो रहा है। खास बात यह है कि श्रम विभाग द्वारा न तो जांच की जा रही है और न ही प्रकरण बनाया गया है। ऐसे में छोटे छोटे प्राइवेट फाइनेंस लिमिटेड की मनमानी से श्रमिकों का अहित होने की बात कही जा रही है।

शहर में गुमास्ता एक्ट का पालन नहीं हो रहा है। इसके चलते निगम को जहां नुकसान हो रहा है। वहीं श्रमिकों का शोषण होने की बात कही जा रही है। दरअसल शहर मे कई माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड का गुमास्ता पंजीयन नहीं है। बताया जाता है कि दुकान व माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड खुलने के पहले गुमास्ता पंजीयन जरूरी होता है। इसके लिए पूरी प्रक्रिया करने के बाद नगर निगम द्वारा लाईसेंस जारी की जाती है। इसके पहले श्रम विभाग द्वारा जांच कर ओके रिपोर्ट दी जाती है। इसके बाद ही निगम द्वारा निर्धारित शुल्क लेकर लाइसेंस जारी किया जाता है। बताया जाता है कि श्रम विभाग में निरीक्षकों की कमी के चलते बिना जांच ओके रिपोर्ट दे दिया जाता है। इससे लाइसेंस जारी तो हो जाता है, लेकिन दुकान कहां संचालित हो रहा है, कितने श्रमिक काम कर रहे हैं इसका वेरीफिकेशन नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जाता है। इससे श्रमिकों का शोषण होने की बात कही जा रही है। हालांकि जरूरत मंद श्रमिक इसकी शिकायत भी नहीं कर पाते हैं। इसके चलते कार्रवाई भी नहीं होती है। कुल मिलाकर श्रम विभाग की लापरवाही श्रमिकों के लिए मुसीबत का कारण बन रहा है। बिना गुमास्ता पंजीयन के ऐसे प्राइवेट लिमिटेड सरकार के राजस्व में बंदरबांट कर रहे है

लगता है मामूली जुर्माना

श्रम विभाग द्वारा जांच के दौरान किसी दुकानदार व फाइनेंस लिमिटेड का प्रकरण बना भी लिया जाता है तो मामूली फाइन लगाकर छोड़ दिया जाता है। हालांकि अधिकांश प्रकरण को श्रम विभाग द्वारा कोर्ट में दायर करने करने की बात कही जा रही है। बताया जाता है कि ऐसे प्रकरणों में 2000 से 5000 हजार रुपए फाइन लगाकर छोड़ दिया जाता है।

गुमास्ता एक्ट के तहत दुकान व छोटे छोटे फाइनेंस लिमिटेड की जांच की जाती है। जांच के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर प्रकरण बनाया जाता है। साथ ही कोर्ट में प्रकरण दर्ज किया जाता है। अभी कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है