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सूरजपुर : फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे इलाज के नाम पर भोलेभाले ग्रामीणों को खुलेआम लूट रहा है ये झोला छाप फर्जी डॉक्टर …जिम्मेदार अधिकारी बेखबर या मौन स्वीकृति?

सूरजपुर । वर्तमान भारत।

ओम प्रकाश वैष्णव की रिपोर्ट

सरगुजा संभाग में पंजीकृत डॉक्टरों और अस्पतालों की आज कोई कमी नहीं है।एक से बढ़कर एक सर्वसुविधायुक्त हॉस्पिटल और काबिल डॉक्टर आज संभाग में मौजूद हैं। इसके अलावा समय – समय पर विशेषज्ञ चिकित्सक भी आते – आते रहते हैं। बावजूद इसके संभाग के लगभग हर गांव में आज झोला छाप डॉक्टरों की दुकान खुलेआम चल रही है।ऐसे डॉक्टरों के पास कोई वैध सर्टिफिकेट नही है और न ही छत्तीसगढ़ सरकार से ये पंजीकृत या अधिकृत हैं।हमारी टीम के सर्वे में एक तथ्य यह भी उभरकर सामने आया है कि इन झोला छाप डॉक्टरों में से किसी की भी शिक्षा 10वीं या 12वीं से अधिक नहीं है। मगर इनके हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि बगैर किसी चिकित्सीय डिग्री या सर्टिफिकेट के ये फर्जी डॉक्टर धड़ल्ले से इलाज के नाम पर भोलेभाले ग्रामीणों को लूट रहे हैं। इन्ही डॉक्टरों में एक बहुचर्चित नाम है – रूप कुमार देवनाथ !

झांसी ( ऊंचडीह) का मशहूर डॉक्टर है रूप कुमार देवनाथ

आप ऊंचडीह / झांसी में किसी भी व्यक्ति से पूछिए कि यहां कोई डॉक्टर है क्या ? तो लोगों द्वारा आपको एक ही नाम बताया जाएगा – रूप कुमार देवनाथ। हमारी टीम को जब कई लोगों ने उस बंगाली डॉक्टर का नाम बताया तो अनायास ही उससे मिलने की उत्सुकता हो गई और पता लगाते – लगाते टीम पहुंच गई उसके घर। उससे मिलने के बाद यह ज्ञात हुआ कि वह विगत 19 वर्षों से यहां चिकित्सीय कार्य कर रहा है। उसने एक किरायनामा भी दिखाया जो 2013 का बना हुआ है।

डॉक्टर ने दिखाया अमान्य सर्टिफिकेट

हमारी टीम से चर्चा करते हुए रूप कुमार देवनाथ ने मेडिकल प्रैक्टिस करना स्वीकार किया और अपना पक्ष मजबूत करने की दृष्टि से हमारी टीम को उसने कई सर्टिफिकेट दिखाए ।

मगर उसके द्वारा जो भी सर्टिफिकेट दिखाए गए उनमें से कोई भी सर्टिफिकेट छत्तीसगढ़ राज्य का नही था।जिन सेरिफिकेट्स के सहारे वह इलाके का मशहूर डॉक्टर बना हुआ है वे सर्टिफिकेट्स छत्तीसगढ़ में मान्य नहीं हैं। फिर भी इन फर्जी दस्तावेजों के सहारे वह लोगों को लूटने में लगा हुआ है।

आखिर विभाग कार्रवाई क्यों नही करता

रूप कुमार देवनाथ ने जो किरायनामा इस नवंबर 2013 का है जिसमे या लिखा हुआ है विगत 10 वर्षों से चिकित्सकीय कार्य करते आ रहा है। यानि विगत 19 वर्ष से ज्यादा समय से वह एक ही जगह पर प्रैक्टिस करते आ रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि इतने लंबे समय से एक ही जगह पर जमे रहने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इस डॉक्टर पर क्यों नहीं गई। क्या यह तथ्य अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इंगित नही करता ?