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कोरबा जिले के विकास में रामाकछार सरपंच- सचिव ने लगाया ग्रहण: कागजी घोड़ा दौड़ाकर ग्राम विकास के डकारे लाखों रुपए, ग्रामीण करेंगे सीएम से शिकायत

कोरबा । वर्तमान भारत ।

आशीष यादव की रिपोर्ट


कोरबा/पाली:- जिले के पाली ब्लॉक अंतर्गत अंतिम छोर पर बसे पहाड़ी वनांचल ग्राम पंचायत रामाकछार के सरपंच- सचिव ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी और बिना काम कराए मूलभूत एवं 14वें, 15वें वित्त के लाखों रुपये डकार लिए गए तथा गांव में अपेक्षित विकास कार्य भी नही कराए गए। वहीं जो कार्य पंचायत मद की राशि से कराए गए, उनमे उतना खर्च नही आया जितनी राशि निकाले गए। ग्रामीणों ने सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्राचार की शिकायत सीएम से करने की ठानी है।

ग्राम के विकास और ग्रामीण जनता को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने हेतु सरकार हर ग्राम पंचायत को वहां की जनसंख्या के हिसाब से लाखो रुपये देती है। ऐसे ही रामाकछार ग्राम पंचायत को भी 4 साल मे शासन से लाखों रुपये मिला। जहां सरपंच श्रीमती बूंदकुंवर खुसरो ने सचिव राजाराम खुसरो के साथ मिलकर फर्जी प्रस्ताव बना और बिना काम कराए मूलभूत एवं 14वें, 15वें वित्त से लाखो रुपये निकालकर डकार लिए। सरपंच- सचिव ने ग्राम तेलसरा व उड़ान में हेंडपम्प के पास स्नानागार निर्माण के नाम पर 16 मार्च 2021 बाउचर की तिथि में 14वें वित्त से 1 लाख 38 हजार 8 सौ 48 रुपए निकाले। इसी तरह 19 सितंबर 2022 बाउचर तिथि में 15वें वित्त मद से स्नानागार निर्माण के नाम पर 1 लाख 94 हजार 9 सौ 20 रुपए आहरण किये। वहीं बोर मरम्मत सामाग्री पर बाउचर तिथि 18 जुलाई 2020 में 14वें वित्त से 64 हजार 4 सौ रुपए, हेंडपम्प में पाइप लाईन के नाम पर 11 मार्च 2021 बाउचर तिथि में मूलभूत से 52 हजार और 15वें वित्त से 13 जनवरी 2022 की तिथि में तेलसरा, रामाकछार, उड़ान में हेंडपम्प मरम्मत के नाम पर 80 हजार निकाले गए है। इस प्रकार सरपंच- सचिव ने मिलकर स्नानागार निर्माण व हेंडपम्प सुधार/पाइप लाईन के नाम पर कागजी घोड़ा दौड़ाते हुए 5 लाख 30 हजार 1 सौ 68 रुपए निकाल बंदरबांट कर लिया गया, जबकि धरातल पर ग्रामीणों को एक ढेला भी काम देखने को नही मिला है। इस संबंध पर तेलसरा के खल्हेपारा मोहल्ला निवासी बुधराम ओट्टी ने बताया कि तत्कालीन सरपंच भयसिंह आर्मो के कार्यकाल में अनेक हैंडपम्पों के पास स्नानागार निर्माण सहित अन्य निर्माण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी गई थी, वर्तमान सरपंच में कोई भी काम देखने को नही मिला है। वहीं सुशीला खुसरो ने बताया कि सरपंच- सचिव की मनमानी से ग्राम में अपेक्षित विकास के कार्य नही हो पा रहा और गांव की जनता मूलभूत जरूरतों से वंचित पिछड़ी जीवन जीने को मजबूर है। सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र कार्यों से त्रस्त ग्रामीण जनता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले में होने वाले भेंट मुलाकात कार्यक्रम में शिकायत करने का मन बनाया है। ग्राम में और भी अन्य निर्माण/विकास के काम सरपंच- सचिव ने कागजों में कराकर शासकीय राशि का जमकर वारा- न्यारा किया है, जिसे भी आगे खबर के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा।

प्रस्ताव में फर्जी तरीके से खुद करते है पंचो का हस्ताक्षर
सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्राचार की लंबी फेहरिस्त है, जिसमे मूलभूत, 14वें- 15वें वित्त मद की राशि आहरण के लिए फर्जी तरीके से पंचो का हस्ताक्षर कर प्रस्ताव बना लेते है तथा किसी भी मटेरियल सप्लायर फर्म से सांठगांठ कर उनके नाम से चेक काट कर पैसे आहरण भी कर लेते है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां सरपंच तो महिला है, लेकिन घर का पूर्व सरपंच समेलाल खुसरो सरपंच का सील जेब मे लेकर घूमता रहता है व पूरा पंचायत भी वही चलाता है तथा विकास की पूरी राशि भी भ्रष्टाचार कर गबन कर ली गई है।

अपेक्षित विकास से कोसो दूर रामाकछार ग्राम
सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्र कार्य रवैये के कारण यह ग्राम अपेक्षित विकास से कोसो दूर हो चला है, जहां तत्कालीन सरपंच के कार्यकाल में कराए गए निर्माण/विकास कार्य के बाद वर्तमान सरपंच के कार्यकाल में कुछ विकास देखने को नही मिल रहा और ग्रामीण जनता वर्तमान जरूरत के हिसाब से मूलभूत सुविधाओं व विकास से काफी वंचित है। ऐसा नही कि राशि आहरण के अनुसार काम नही कराए गए है, बल्कि यहां की जनता के नजरों में न दिखने वाले ज्यादातर विकास कार्य कागजों में कराए गए है।

अधिकारियों के अनदेखी से सरपंच- सचिव की मनमानी चरम पर
पाली ब्लाक अंतर्गत अंतिम छोर तथा दूरस्थ पहाड़ी व वनांचल ग्राम पंचायत होने के कारण संबंधित अधिकारियों की निरीक्षण गतिविधियां रामाकछार में शून्य के बराबर है, लिहाजा इसी का फायदा उठाकर सरपंच- सचिव “मेरी डफली- मेरा राग” की तर्ज पर मनमानी करते हुए पंचायत मद की राशि पर जमकर हाथ साफ कर रहे है। जिससे यहां की जनता अनेक बुनियादी सुविधाओं के लिए ललायित है।

शिकायत पर नही होती कार्यवाही, दी जाती है क्लीन चिट
सरपंच- सचिव के भ्रष्ट्राचार से त्रस्त अनेक ग्राम के ग्रामीणजनों की संबंधित अधिकारियों से शिकायत अक्सर देखने को मिलती है। जहां शिकायत पर गठित जांच दल जांच के दौरान कभी लीपापोती कर देती है, और यदि टीम अपनी सही जांच रिपोर्ट अधिकारी को सौंप दें तो अधिकारी कार्यवाही के नाम पर दोषी सरपंच- सचिव को क्लीन चिट दे देते है। जिससे भ्रष्ट्र सरपंच- सचिव के हौसले और भी बुलंद हो जाते है। यही कारण है कि रामाकछार की जनता ने भ्रष्ट्र सरपंच- सचिव के विरुद्ध शिकायत सीएम से करने की ठानी है।