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अमानत में खयानत :रेलवे के खाते से 2 करोड़ निकालकर सट्टे में हारगया अफसर, विजिलेंस ने किया भंडाफोड़

ओम प्रकाश वैष्णव की रिपोर्ट

रायपुर रेल मंडल के वैगन रिपेयर शॉप (डब्ल्यूआरएस) अधीक्षक रोहित पालीवाल द्वारा दो करोड़ का बड़ा घपला किए जाने का मामला प्रकाश में आया है । प्राप्त जानकारी के अनुसार रोहित पालीवाल दो साल से थोड़े थोड़े पैसे निकालकर सट्‌टा खेलता रहा। रेलवे के खाते से पैसे निकलते रहे लेकिन इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।

रेलवे के खाते में जब केवल 4000 रह गए, तब हड़कंप मचा। खबर बिलासपुर जोन तक पहुंच गई। उसके बाद विजिलेंस ने खुफिया तरीके से जांच शुरू की। तहकीकात में पैसों का ट्रांजेक्शन रोहित के खाते में होने का पता चला।

विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर रेलवे ने मामला पुलिस को सौंप दिया है। जांच में पता चला है कि रोहित का ट्रांसफर दूसरी शाखा में हो गया था इसके बावजूद वह यहीं काम कर रहा था। घोटाले में डब्ल्यूआरएस के कुछ अधिकारी कर्मचारी शामिल है। सांठगांठ के कारण अब तक धांधली उजागर नहीं हुई थी।

नेट बैंकिंग से निकाले पैसे, खुद के खाते में किया ट्रांसफर, इसी से फंसा

पुलिस अफसरों ने बताया कि कर्मशाला प्रबंधक के खाते में दो करोड़ की सेंध लगाने वाला राेहित बेहद चालाक है। उसने पूरी प्लानिंग के साथ नेट बैंकिंग से पैसे निकाले। उसने पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए खुद के और करीबियों के खातों का उपयोग किया। इसी वजह से फंस गया।

पुलिस के अनुसार रोहित कार्यालय अधीक्षक के पद पर पदस्थ है, इसलिए उसे खाते में जमा पैसों की जानकारी थी। उसे नेट बैंकिंग का पासवर्ड भी मालूम था। उसने नेट बैंकिंग के माध्यम से ही थोड़े-थोड़े पैसे निकाले। इस वजह से किसी को पता नहीं चला।

पुलिस को शक है कि इसमें कुछ और लोगों की सांठगांठ है। बिना सांठगांठ के रोहित अकेले इतनी मोटी रकम नहीं निकाल सकता है। ये भी पता चला है कि उसने पैसे निकालने के लिए जिनके खातों का उपयोग किया, उन्हें इसके बदले कुछ पैसे भी दिए।

रिश्तेदारों और दोस्तों से पूछताछ

टीआई सोनल ग्वाला ने बताया कि रोहित पालीवाल की शिकायत मिली है। आरोपी को हिरासत में लेने के साथ ही एक मोबाइल दुकान संचालक, एक पुराने खाईवाल सहित उसके 5 रिश्तेदारों को थाने में बिठाकर पूछताछ की जा रही है। पैसा इनके खाते में भी ट्रांसफर किया गया है। एक-दो दिन में कुछ और नाम सामने आ सकते है। रेलवे अधिकारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है।

अलग-अलग खातों में ट्रांसफर

रोहित ने अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर किए। उसके बाद पैसे निकाले गए हैं। सरकारी पैसों का ट्रांजेक्शन तो किया गया है लेकिन रेलवे ने किसी को भुगतान नहीं किया है। एक भी पेमेंट की अधिकृत एंट्री नहीं है। विजलेंस ने जांच के दौरान उन खातेदारों की जानकारी खंगाली जिनके खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे। पता चला कि सभी राेहित के परिचित हैं।

क्रिकेट सट्‌टे में गंवा दिए पैसे

पुलिस को प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि रोहित ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा खेलता है। वह मोटी-मोटी रकम सट्टा में लगाता रहा है। ज्यादातर दांव उसका फेल हो गया और उसके पैसे डूब गए। उसे कुछ बुरी आदतें भी है, उसमें भी उसने मोटी रकम खर्च की है। पुलिस पड़ताल कर रही है कि उसने प्रॉपर्टी या कारोबार में भी रेलवे के पैसे का उपयोग तो नहीं किया है। पुलिस उसकी संपत्ति की जानकारी भी निकाल रही है।

पुलिस अफसरों ने बताया कि कर्मशाला प्रबंधक के खाते में दो करोड़ की सेंध लगाने वाला राेहित बेहद चालाक है। उसने पूरी प्लानिंग के साथ नेट बैंकिंग से पैसे निकाले। उसने पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए खुद के और करीबियों के खातों का उपयोग किया। इसी वजह से फंस गया।

पुलिस के अनुसार रोहित कार्यालय अधीक्षक के पद पर पदस्थ है, इसलिए उसे खाते में जमा पैसों की जानकारी थी। उसे नेट बैंकिंग का पासवर्ड भी मालूम था। उसने नेट बैंकिंग के माध्यम से ही थोड़े-थोड़े पैसे निकाले। इस वजह से किसी को पता नहीं चला।

पुलिस को शक है कि इसमें कुछ और लोगों की सांठगांठ है। बिना सांठगांठ के रोहित अकेले इतनी मोटी रकम नहीं निकाल सकता है। ये भी पता चला है कि उसने पैसे निकालने के लिए जिनके खातों का उपयोग किया, उन्हें इसके बदले कुछ पैसे भी दिए।