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जनपद पंचायत पुसौर में अजीबोगरीब कारनामा :जनपद सीईओ से सेटिंग कर किया बड़ा खेला ,पंचायतों को रिक्शा बेचने वाले बाबू को नोटिस तक नहीं

आशीष यादव की रिपोर्ट

रायगढ़। जिला पंचायत में भी एक से बढ़कर एक कारनामे हो रहे हैं। पुसौर में ग्राम पंचायतों को लोकल वेंडर से सफाई रिक्शा सप्लाई करने के मामले में सचिवों और जनपद सीईओ को तो नोटिस दिया गया है। लेकिन जनपद के उस वेंडर बाबू को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी गई है।

पुसौर जनपद पंचायत का यह मामला बहुत रोचक है। सरकार ने गांवों की साफ-सफाई के लिए ग्राम पंचायतों में सफाई रिक्शा खरीदने की मंजूरी दी। ई-मानक पोर्टल से वेंडर चुनकर खरीदी की जानी थी लेकिन पुसौर में सहायक ग्रेड तीन बाबू हेमकुमार चौधरी ने खेल कर दिया। उसने खुद की फर्म हैप्पी किसानी के नाम से खड़ी कर ली। जनपद सीईओ से सेटिंग कर रिक्शे सप्लाई कर दिए। सरपंचों और पंचायत सचिवों को कह दिया गया कि वे बाबू को पूरा भुगतान कर दें। रिक्शा की क्वालिटी घटिया होने के बावजूद 50700 रुपए की दर से भुगतान भी हो गया।

पुसौर में 30 पंचायतों के लिए 47 रिक्शा खरीदने का आदेश दिया गया था। पड़ीगांव निवासी हेमकुमार ने वहीं रोड किनारे हैप्पी किसानी के नाम से फर्म खोली है। यह फर्म रजिस्टर्ड नहीं है। जो भी रिक्शा गांवों में भेजे गए हैं, उनकी क्वॉलिटी खराब है। ग्राम पंचायतों को डस्टबिन भी यहीं से सप्लाई किए जा रहे हैं। इस मामले में जिला पंचायत की भूमिका भी सवालों में है। जनपद सीईओ और कुछ सचिवों को तो नोटिस दिया गया है लेकिन उस वेंडर बाबू को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सप्लाई की गई सामग्री की गुणवत्ता जांचने के बजाय मामले को दूसरी दिशा में ले जाया जा रहा है।

आंगनबाड़ी में भी सप्लाई
बताया जा रहा है कि वेंडर बाबू ने अधिकारियों के बीच अपनी पकड़ का उपयोग करके आंगनबाड़ियों में भी सामग्री सप्लाई करने का काम उठा लिया है। ग्राम पंचायतों में सामग्री सप्लाई करने के पूर्व गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा गया है। जो भी सामग्री आई उसकी पड़ताल किए बिना ही भुगतान किया जा रहा है। कई पंचायतों के रिक्शे टूट चुके हैं।