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Chaitra Navratri 2023 : नवरात्रि के 6वें दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा…मां कात्यायनी की पूजा से हर बाधाएं होंगी दूर…जाने पूजा विधि,शुभ मुहूर्त और मंत्र….

वर्तमान भारत । धर्म डेस्क ।

आलेख : गजाधर पैकरा

चैत्र नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को समर्पित है। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इसका नाम कात्यायनी रखा गया। मां कात्यायनी की पूजा से विवाह संबंधित मामलों के लिए अचूक मानी गई है।

मान्यता है कि इनकी कृपा से मनचाहा वर और प्रेम विवाह की सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं। यह ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। कहते हैं कि कात्यायनी जिस पर प्रसन्न हो जाए उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के छठे दिन यानी 27 मार्च 2023 को मां कात्यायनी की पूजा विधि मंत्र उपाय और मुहूर्त.

शुभ मुहूर्त

▪️चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि शुरू- 26 मार्च 2023 दोपहर 4:32

▪️चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त- 27 मार्च 2023 शाम 5:27

▪️गोधूलि मुहूर्त- शाम 6:35 से 6:58 तक।

पूजा की शुभ योग

▪️रवि योग- सुबह 6:18 से दोपहर 3:27 तक।

▪️सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन।

▪️अमृत सिद्धि योग- 27 मार्च 2023 दोपहर 3:27 से 28 मार्च 2023 सुबह 6:16 तक।

▪️आयुष्मान योग- 26 मार्च 2023 रात 11:33 से, 27 मार्च 2023 रात 11:20 तक।

पूजा विधि

मां कात्यायनी का संबंध बृहस्पति और आंशिक संबंध शुक्र से भी है। ऐसे में इनकी पूजा में पीले रंग का ज्यादा प्रयोग करें। देवी कात्यायनी की उपासना गोधूलि बेला में करें। इस समय दूध में केसर मिलाकर देवी कात्यायनी का अभिषेक करें। रोली मौली, अक्षत, फूल अर्पित करें। “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का एक माला जाप करें। माता को शहद का भोग बहुत प्रिय है। आरती करें और फिर जागरण कर देवी के भजन कीर्तन करें।

▪️ प्रिय रंग- पीला

▪️ प्रिय भोग- शहद

मां कात्यायनी मंत्र

▪️क्लीं श्री त्रिनत्रायै नम:।

▪️ चंन्द्र हासोज्ज शर्करा शार्दू लवर वासना कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि।

▪️ या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।