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‘मिशन रिक्रूटमेंट’ ने पकड़ी रफ्तार…मोदी सरकार का साल के अंत तक 10 लाख सरकारी नौकरी का लक्ष्य…अपनी वादे पूरा करने की ओर अग्रसर…पढ़ें पूरी खबर

गजाधर पैकरा की रिपोर्ट

नई दिल्ली।वर्तमान भारत। केंद्र सरकार ने इस साल के अंत तक 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के अपने वादे को पूर्ण करने की और तेजी से अग्रसर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2023 के अंत तक 10 लाख पदों की भर्ती के लिए सरकार के सामूहिक भर्ती अभियान ‘मिशन रिक्रूटमेंट’ के तहत अब तक नौकरी पाने वाली हर 6 उम्मीदवारों में एक महिला शामिल थी।

बता दें, कि केंद्र सरकार ने अब तक छह रोजगार मेले आयोजित की है। इनके दौरान कम से कम 4,30,546 उम्मीदवारों को क्लर्क, टाइपिस्ट, टीचर और डॉक्टर की सरकारी नौकरी दी गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की आंकड़ों से पता चला है कि जिन लोगों को केंद्र सरकार से नौकरी प्राप्त हुई है, उनमें 3,61,763 (84 फ़ीसदी) पुरुष और 68,783 (16 फ़ीसदी) महिलाएं हैं।

गौरतलब, है कि पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 महीने के भीतर 10 लाख खाली पदों को भरने का निर्देश दिया था। इसके पश्चात सरकार के कई विभागों में मेगा भर्ती अभियान शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा के कुछ महीने बाद 14 अक्टूबर को पहला रोजगार मेला आयोजित किया गया।

केंद्र सरकार की भर्तियों में अधिकांश रेल मंत्रालय 1,38,986 भर्तियां के लिए की गई। इसके पश्चात डाक विभाग 68,225 और गृह मंत्रालय 43,592 के लिए लोगों को भर्ती किया गया। इसके साथ ही वित्तीय सेवा विभाग के लिए 33,743 उम्मीदवारों का चयन किया गया।

वहीं, रक्षा मंत्रालय में 18,635, राजस्व विभाग में 14,952 और उच्च शिक्षा विभाग में 11,536 नई भर्तियां हुई। कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि बड़े पैमाने पर भर्ती ग्रुप बी और ग्रुप सी स्तर के पदों पर होती है। जो सीधे तौर पर इन विभागों को नागरिकों को अत्याधुनिक स्तर पर सेवा की उच्च गुणवत्ता प्रदान करने में सहायता करती है।

दरअसल, मंत्रालय के अनुसार सभी भर्तियां समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से एसएससी, यूपीएससी और आरआरबी जैसी भर्ती एजेंटों के जरिए की जा रही है। मार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया में मोदी सरकार के तहत गुणात्मक बदलाव देखा गया है।

उदाहरण के लिए निचले ग्रेड के पदों के लिए इंटरव्यू खत्म कर दिए गए हैं। इस तरह भर्ती में किसी भी पक्षपात, भाई- भतीजावाद या हेराफेरी के लिए बहुत कम जगह बची है। चयन विशुद्ध रूप से लिखित परीक्षा के आधार पर होता है। जबकि कौशल परीक्षा केवल क्वालीफाइंग होती है।