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JASHPUR Elephant Attack : जशपुर में हाथियों ने इंसानों को कहीं का ना छोड़ा…कभी ले रहे हैं जान, तो कभी आशियाना को तोड़ा…पढ़ें पूरी खबर


तुमला/जशपुर :- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के टिकलीपारा में दंतैल ने एक ग्रामीण के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के समय पीड़ित ग्रामीण परिवार सहित गहरी नींद में सो रहे थे।

वन विभाग के मुताबिक, टिकलीपारा के सतपुरिया जंगल में इस समय 8 हाथी और तपकरा वन परिक्षेत्र में 20 हाथी अलग अलग स्थानों पर डेरा जमाए हुए हैं। वनविभाग का दावा है कि हाथियों के लोकेशन की जानकारी देकर,ग्रामीणों को जंगल से दूर रहने और रात के समय घर से बाहर ना निकलने की सलाह प्रभावित क्षेत्र के रहवासियों को दी जा रही है। झारखंड और ओडिशा की अंर्तराज्यी सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र,छत्तीसगढ़ के सबसे अधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र में शामिल है।

बता दें कि, जशपुर जिले में हाथियों का आतंक जारी है अभी हाल ही में बगीचा विकासखंड में शादी से लौट रहे 2 ग्रामीणों के ऊपर आक्रमण कर दिया। जिसमें से एक ग्रामीण को पटक कर मार डाला और एक ग्रामीण जान बचाने में सफल हो गया।



यहां,साल के लगभग 12 महिने हाथियों की हलचल बनी रहती है। बीट गार्ड विजय कुमार टांडे ने बताया कि हाथियों द्वारा पहुंचाई गई संपत्ति नुकसान का आंकलन कर ,मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है। ग्रामीण अरूण यादव ने बताया कि रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात लगभग 11 बजे वे परिवार के साथ घर में सेा रहे थे। इसी दौरान हाथी ने उनके घर के एक कमरे की दीवार को दांत से क्षतिग्रस्त कर दिया।

बता दें कि, दीवार गिरने की आवाज सुनकर उनकी नींद खुली। सहायता के लिए आवाज लगाए जाने पर,पड़ोसियों की मदद से हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा जा सका। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,सतपुरिया जंगल में जमे हुए 8 हाथियों के दल से अलग हो कर,एक नर हाथी,बस्ती में घुस आया था। उल्लेखनिय है कि जिले में हाथी की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है।



फिलहाल, 2018-19 से 2023-24 के बीच जशपुर जिले में हाथियों के कुचले जाने से 90 लोगों की मौत की घटनाएं हो चुकी है। राज्य सरकार ने मृतकों के स्वजनों को 5 करोड़ 58 लाख 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है। जशपुर जिले में हाथी की गंभीर समस्या से निबटने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। उन्होनें बताया कि हाथी विचरण का लोकेशन इंटरनेट मिडिया और मुनादी के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र में उपलब्ध करा,लोगों को सचेत किया जाता है।

दरअसल, गजराज दल और हाथी मित्रदल के माध्यम से हाथियों के हलचल की निगरानी,,आकाशवाणी से हाथियों के हलचल की जानकारी उपलब्ध कराना,हाथी सहित सभी वन्य प्राणियों के लिये कारिडोर क्षेत्र में सुरक्षित ठिकाना और चारा उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि हाथियों को आबादी क्षेत्र में रोके रखा जा सके।