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JASHPUR News : महाराष्ट्र के पालघर से आए किसानों का जशपुर भ्रमण… महुआ इकट्ठा करने की ग्रीन नेट में सीखी तकनीक…पढ़ें पूरी खबर


जशपुरनगर :- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में महाराष्ट्र के पालघर जिले से आए किसानों ने अपने भ्रमण के दूसरे दिन ग्रीन नेट से महुआ संग्रहित करने की तकनीक की बारिकियां सीखी। इस दौरान उन्होनें ग्रीन नेट को महुआ पेड़ के चारों ओर घेरा बनाने और लकड़ी के सहारे खड़े करने की तकनीक की व्यवहारिक जानकारी प्राप्त की।

बता दें कि, कृषि वैज्ञानिक समर्थ जैन ने महाराष्ट्र के इन किसानों को बताया कि पेड़ से नीचे जमीन पर गिरने से महुआ की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ता है। जमीन पर पडे से गांव व जंगल में भटकने वाले पालतू मवेशी भी इन महुआ को खा जाते हैं और उनके पैरों के नीचे रौदा जाने से भी महुआ की गुणवत्ता खराब हो जाती है। इससे राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली ग्रेडिंग में महुआ की कीमत कम हो जाती है। इसके साथ लड्डु और रोटी जैसे खाद्य पदार्थ तैयार करने से पहले इसमे से कंकड़ पत्थर हटाने के लिए अतिरिक्त समय और ऊर्जा खर्च करना पड़ता है। इन सब समस्याओं का समाधान ग्रीन नेट है।



आगे उन्होनें बताया कि पेड़ से झड़े हुआ महुआ,ग्रीन नेट में जमा हो जाता है। इसे,आसानी से क्रेट या साफ बर्तन में एकत्रित किया जा सकता है। इससे वनोपज करने वाले ग्रामीणों के समय और ऊर्जा में बचत होती है और महुआ एकत्र करने के दौरान वन्य जीवों का खतरा भी कम हो जाता है। जशपुर जिले में महुआ एकत्र करने और एकत्रित महुआ का सकारात्मक प्रयोग से महाराष्ट्र के किसान प्रभावित नजर आए। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के जव्हार के निवासी किसान मंगलवार को जशपुर पहुंचे थे।

फिलहाल, पहले दिन इन किसानों ने शहर के समीप स्थित बालाछापर गौठान में चल रहे स्व सहायता समूह की गतिविधियों का अवलोकन करने के साथ ही महुआ से तैयार किए जा रहे लड्डू और सैनिटाइजर की प्रक्रिया की जानकारी ली थी। इस दौरान इन किसानों ने बताया था कि महाराष्ट्र में जशपुर में तैयार हो रहे इन उत्पादों की अच्छी मांग बनी हुई है।