BJP सच में दागी नेताओं के लिए वाशिंग मशीन है क्या?..जाने क्या कहती है नेताओं की केस फाइल…तंज को छोड़, तथ्यों पर करें गौर तो विपक्ष के आरोप में है दम…पढ़ें पूरी खबर
Lok Sabha Election 2024 :- बीजेपी ऐसी वाशिंंग मशीन है, जहां कोई भी दागी जाते ही पाक-साफ हो जाता है। विपक्ष यह कह कर अक्सर सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधता रहता है। यह तंज विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कसा जाता है।
तंज को छोड़, तथ्यों पर गौर करें तो विपक्ष के आरोप में दम नजर आता है। मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष इसे मुद्दा बनाए हुए है।
उल्लेखनीय है कि, लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा ने दूसरी पार्टी से आए कई दागी नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। नवीन जिंंदल के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने चार्जशीट दायर कर रखी है, लेकिन वह मार्च 2024 में भाजपा में आए और कुछ ही दिन बाद पार्टी का टिकट भी पा गए। ऐसा ही एक उदाहरण गीता कोड़ा का भी है जो कांग्रेस से भाजपा में आते ही उम्मीदवार बना दी गईं। उनके पति मधु कोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई केस लंबित हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर एक बार फिर तंज कसते हुए उसे ‘फुली ऑटोमैटिक वॉशिंंग मशीन’ बताया है।
https://twitter.com/kharge/status/1775369785796354484?s=20
केजरीवाल को पूछताछ के कुछ ही समय बाद गिरफ्तार किया, हिमंता बिस्वा सरमा नौ साल बाद भी आजाद
ज्ञात हो कि, भाजपा या एनडीए में आने के बाद जिस तरह दागी नेताओं पर कार्रवाई में सुस्ती दिखाई गई, उसके ठीक उलट विपक्षी नेताओं के मामले में बिजली सी रफ्तार से कार्रवाई की गई। ताजा उदाहरण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल का है। ईडी ने 19 मार्च, 2024 को पहली बार आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति केस में साजिशकर्ता हैं और 21 मार्च, 2024 को उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया। उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंंता बिस्वा सरमा हैं, जिनसे 2014 में भ्रष्टाचार के एक केस में पूछताछ की गई थी। वह 2015 में भाजपा में आए और तब से उन पर कोई एक्शन ही नहीं हुआ।
25 में से 23 दागी नेताओं को बीजेपी खेमे में आने पर मिली राहत
बता दें कि, ऐसे कई और मामले भी हैं। इंडियन एक्सप्रेस में दीप्तिमान तिवारी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2014 (जब पहली बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनी) से विपक्ष के जिन 25 नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे, उनमें से 23 को भाजपा के पाले में आने पर राहत मिल गई। इनमें से 10 पूर्व कांग्रेसी थे, चार-चार एनसीपी व शिवसेना में थे, तीन टीएमसी के थे, दो टीडीपी के और एक-एक सपा व वायएसआरपी में थे।
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हिमंत बिस्वा सरमा का मामला:
दरअसल, कभी जांच के घेरे में रहे पूर्व कांग्रेसी हिमंता बिस्वा सरमा सालों से असम में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री हैं। वह 2015 में कांग्रेस से भाजपा में आए थे।
फिलहाल, 2014 और 2015 में सीबीआई और ईडी ने शारदा चिट फंड घोटाले के मुख्य अभियुक्त सुदीप्ता सेन के साथ कथित वित्तीय लेनदेन के लिए सरमा की जांच की थी। सीबीआई ने अगस्त 2014 में उनके घर और कार्यालय पर छापा मारा और नवंबर 2014 में उनसे पूछताछ की थी। सरमा का नाम लुइस बर्जर मामले में आया था जो गोवा में जल परियोजना अनुबंधों के लिए कथित रिश्वत से जुड़ा था, लेकिन इस केस में कोई प्रगति नहीं हुई है। अगस्त 2015 में सरमा भाजपा में शामिल हुए।
वर्तमान स्थिति: केस बंद नहीं हुआ है, पर मामला ठंडे बस्ते में है और सरमा मुख्यमंत्री हैं।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर भी ऐसी ही मेहरबानी
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा अजीत पवार, शरद पवार और अन्य के खिलाफ एफआईआर की गई। मामला महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का था। यह एफआईआर बॉम्बे हाई कोर्ट के अगस्त 2019 के आदेश के आधार पर हुई थी। ईडी की जांच में कांग्रेस नेता जयंत पाटिल, दिलीपराव देशमुख और दिवंगत मदन पाटिल; राकांपा के ईश्वरलाल जैन और शिवाजी राव नलावडे; और शिवसेना के आनंदराव अडसुल का भी नाम शामिल था।
अजीत पवार केस की टाइमलाइन
अगस्त 2019: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की
सितंबर 2019: ईडी ने प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की
अक्टूबर 2020: आर्थिक अपराध शाखा ने मामला बंद करने की (क्लोजर) रिपोर्ट दाखिल की, ईडी ने इसे चुनौती दी
अप्रैल 2022: ईडी ने पवार का नाम लिए बिना चार्जशीट दाखिल की
जून 2022: शिवसेना में टूट, शिंदे गुट ने भाजपा के साथ एनडीए सरकार बनाई
अक्टूबर 2022: मुंबई ईओडब्ल्यू ने ईडी के सबूतों के आधार पर आगे जांच की मांग की
जुलाई 2023: पवार एनडीए सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हुए
जनवरी 2024: ईओडब्ल्यू ने दूसरी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की
वर्तमान स्थिति: ईडी ने ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट पर अदालत में हस्तक्षेप याचिका दायर की है।
Delhi Excise Policy Case में कब क्या हुआ
नवंबर 2021: दिल्ली की शराब नीति नवंबर 2021 में लागू की गई थी। बाद में, ईडी ने कहा कि नीति में “जान-बूझ कर ऐसी कमियां रखी गईं जिनसे AAP नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए कार्टल बनाए जाने को बढ़ावा मिला।”
जुलाई 2022: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसमें बताया गया था कि दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने में नियम तोड़े गए हैं और घपला हुआ है। एलजी ने रिपोर्ट CBI को भेजी और एजेंसी ने FIR में सिसोदिया व 14 अन्य आरोपियों को नामित किया था।
सितंबर 2022: CBI ने पिछले सितंबर में AAP के संचार प्रभारी विजय नायर को गिरफ्तार किया था। नवंबर में उन्हें ED ने गिरफ्तार किया था। पिछले जुलाई में, दिल्ली की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। नायर पर ‘साउथ ग्रुप’ और AAP के गोवा विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान रिश्वत के रूप में प्राप्त धन को लॉन्डर करने में बिचौलिया होने का आरोप है। ED के अनुसार, इस समूह ने गलत तरीके अपना कर फायदा उठाया।
फरवरी 2023: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार किया और तिहाड़ जेल में डाल दिया। मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल ने आतिशी को उनके पोर्टफोलियो सौंपे और सिसोदिया ने दिल्ली सरकार से इस्तीफा दे दिया।
मार्च 2023: ईडी ने अदालत को बताया कि कथित आपराधिक आय 292 करोड़ रुपये से अधिक थी और काम करने के तरीके को स्थापित करना आवश्यक था। ईडी ने आरोप लगाया कि यह “घोटाला” थोक शराब व्यवसाय को निजी संस्थाओं को देना और 6% किकबैक के लिए 12% मार्जिन तय करना था।
अक्टूबर 2023: ED ने पहली बार केजरीवाल को समन भेजा। केंद्रीय एजेंसी ने केजरीवाल को कुल नौ समन भेजे। केजरीवाल कहते रहे कि उन्हें ईडी के समन “भाजपा के इशारे पर” भेजे जा रहे हैं। ईडी ने AAP सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया और आरोप लगाया कि सिंह के नॉर्थ एवेन्यू स्थित सरकारी आवास पर 2 करोड़ रुपये की अवैध नकदी का लेन-देन हुआ था। सिंह को 1 अप्रैल 2024 को कोर्ट ने जमानत दी।
15 मार्च, 2024: बीआरएस नेता और तेलंगाना विधान परिषद सदस्य के कविता को ईडी ने शाम 5:20 बजे हैदराबाद के बंजारा हिल्स में उनके आवास से गिरफ्तार किया था। उन्हें ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
19 मार्च, 2024: ईडी ने पहली बार आरोप लगाया कि केजरीवाल मामले में साजिशकर्ता थे, जबकि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा कि मामले में “कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों” को गिरफ्तार किया जा सकता है।
21 मार्च, 2024: अरविंंद केजरीवाल को ईडी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।
1 अप्रैल, 2024: संजय सिंंह को जमानत मिली।