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CG Operation Prahar : दो महिला फाइटर जवान.! एक हाथ में हथियार, एक हाथ में कलम…पहले ऑपरेशन, फिर परीक्षा…पढ़ाई के साथ नक्सलियों से लड़ाई…अफसर बनने का है सपना…हेलीकॉप्टर से परीक्षा देने पहुंचे छत्तीसगढ़…पढ़ें पूरी खबर



छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बॉर्डर इलाके में तीन दिनों से ‘ऑपरेशन प्रहार’ में 10 हार्डकोर नक्सली ढेर किए गए हैं. इस ऑपरेशन में नारी शक्ति की ताकत दिखाई दी. इस ऑपरेशन में शामिल दो महिला जवानों ने पहले राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाया और उसके बाद अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी.

ऑपरेशन के बाद हेलिकॉप्टर से बस्तर में तैनात इन दो महिला जवानों को जिला मुख्यालय पहुंचाया गया, जहां इनको परीक्षा देना था.

पहले ऑपरेशन, फिर परीक्षा

‘ऑपरेशन प्रहार’ में शामिल दो महिला जवान योगेश्वरी बघेल औऱ निकिता प्रधान पढ़ाई कर रही हैं. ऑपरेशन के दौरान उनकी परीक्षा चल रही है. दोनों महिला जवानों ने पहले नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में हिस्सा लिया. उसके बाद उनको हेलिकॉप्टर से जिला मुख्यालय पहुंचाया गया, जहां दोनों जवानों ने परीक्षा दी.

बता दें कि, योगेश्वरी बघेल ग्रेजुएशन और निकिता प्रधान पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा दे रही हैं. दोनों महिला जवान शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार मानती हैं. उनका कहा है कि समाज शिक्षित होगा तो नक्सलवाद धीरे-धीरे जड़ से खत्म हो जाएगा.

नक्सलियों से लड़ाई के साथ पढ़ाई भी

ज्ञात हो कि, इन महिला जवानों का मानना है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है और वो उस लड़ाई का हिस्सा हैं. इसपर उनको गर्व महसूस है. वो बताती हैं कि एक तरफ नक्सलियों की घेराबंदी के लिए वो जंगल जाती हैं, तो दूसरी तरफ वापस आने पर पढ़ाई के लिए एक्टिव रहती हैं. उनका कहना है कि ड्यूटी के दौरान उनके जेहन में सिर्फ एक बात होती है कि कहीं नक्सलियों से सामना हो जाए तो बस्तर फाइटर बनने का मकसद पूरा हो जाता है. ये लड़कियां पिछले एक साल से बस्तर फाइटर में काम कर रही हैं.

अफसर बनने का है सपना

दरअसल, निकिता प्रधान बीए फाइनल की परीक्षा दे रही हैं. उनका कहना है कि वो पुलिस विभाग में अफसर बनना चाहती हैं और देश की सेवा करना चाहती हैं. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में थकान के सवाल पर वो मुस्कराती हैं और कहती हैं कि जीवन में सबकुछ आसानी से मिल जाता तो फिर क्या बात होती? संघर्ष से ही सफल जीवन पाया जा सकता है.

फिलहाल, निकिता छत्तीसगढ़ में नारायणपुर से 35 किलोमीटर दूर धोड़ाई गांव की रहने वाली हैं और अपने रिश्तेदार के घर रहकर नक्सलियों से मुकाबला कर रही हैं. इसके साथ ही पढ़ाई भी कर रही हैं. निकिता के पिता खेती करते हैं.